पदार्थ-विद्या | Padarth Vidhya
श्रेणी : धार्मिक / Religious
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9.75 MB
कुल पष्ठ :
372
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about आचार्य श्री रामलाल जी - Achary Shri Ramlal Ji
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)र१ हाथ में पकड़कर हाथ को तत्क्षण ऊंचा करो यहां तक. कि छकड़ी जो तुम्हारे हाथ से कुछ ऊपर दृढ़ता से ठगी. हुई हे उस से तुम्हारा हाथ रुक कर ठहर जाये । यदि छकड़ी न हो तो दूसरे हाथ को कुबड़ा करके उस से भी लकड़ी का काम ले सकते हैं ॥ इस परीक्षा से यह प्रतीत हुआ कि तुम ने प्याले को मटर के दानों समेत तत्क्षण ऊंचा किया आर वह अकस्मात् रुक गया अथांत् प्रथम तो तुम ने अपने हाथ की शक्ति से प्याले को उपर की ओर हिछाया और प्याछे में जा मटर के दाने थे वह उसक साथ २ ऊपर कां आर चल गय कयाकि यह कब होसक्ता है कि प्याठा तो ऊपर की ओर उठे और उसके अन्दर के दाने नीच ही रह जायें ।. फिर जब तुम्हारा हाथ प्याले को पकड़े शीघ्रता ते ऊपर की ओर उठा जाता था अकस्मात् -ढकड़ी से टकराया और रुक कर ठहर गया जर्यात लकड़ी के बल से तुम्हारा हाथ रुक गया और तुम्हारे हाथ की दाक्ति ने उस. प्याले को ठहराया
User Reviews
No Reviews | Add Yours...