मारवाड़ रा परगनां री विगत भाग 1 | Marwad Ra Pargna Re Vigat Bhag 1

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Marwad Ra Pargna Re Vigat Bhag 1 by मुंहता नैणसी - Munhata Nainsi

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about मुंहता नैणसी - Munhata Nainsi

Add Infomation AboutMunhata Nainsi

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
& घि) किसी देवता श्रयवा देवस्यान के श्राघार पर-- विताइकयो चवंडवा ै आदि (ड) चमत्कारिक व्यक्ति के नाम पर-- सोकत चरपटियी जतारण (च) वस्ती विशेष के श्राघार पर-- गोगादेवां रो वास सतावतां रो वास कुंभारां रो वास सोलंकियां रो कोहर मो तों री व।सणी । इस प्रकार तत्कालीन मारवाड़ से सम्बन्धित विधिघ ऐतिहासिक सामग्री तथा प्राचीन इतिहास के वारे में श्रनेक प्रकार की जानकारी व पड़ौसी राज्यों तथा सुगल साम्राज्य के साथ राजनेतिक सम्बन्धों के कई महत्त्वपूर्ण सुन्र इस ग्रंथ में विद्यमान हैं । राजस्व व प्रद्यासनिक व्पघस्था राजस्थान के इतिहास से सम्बंधित जो भी सघन श्रच्ावधि उपलब्ध हुए हैं उनमें यहां के प्राचीन राज्यों की राज्य-व्यवस्था श्नामदनी के साधनों श्रादि के सम्वन्घ में श्रति श्रह्प जानकारी मिलती है । प्रस्तुत प्रंथ में श्रपेक्षाकृत ऐसी जानकारी विक्षेष रूप से उपलब्ध होती हें । लेखक ने किसी एक हो स्थल पर इस विषय पर प्रकाश नहीं डाला है श्रपितु श्रनेक प्रसंपों में इस प्रकार के तथ्यों का उल्लेख किया है । बादशाह श्रकबर ने श्रपनी प्रबंघ-पढुता से प्रशासन व राजस्व सम्बन्धी नियम निदचित किये थे श्रौर सभी सूवों में एक ही प्रकार का प्रद्यासन कायम किया था । उसी परिपाटी का निर्वाह श्रागे भी होता रहा । जोधपुर के सहाराजा सुरसिंह के योग्य प्रधान भाटी गोयंददास ने सर्वप्रथम बादशाही नियमों के श्राघार पर मारवाड़ में भी प्रशासनिक व राजस्व सम्बन्धी नियम बना कर उन्हें लायु किया । वही प्रणाली श्रनेक पीढ़ियों तक यहां प्रचलित रही । इस ग्रंथ से महाराजा जसवंतरसिहजी (प्रथम) के समय में प्रचलित राजस्व व प्रशासन सम्बन्धी परम्परागत नियसों तथा उनमें उस समय होने वाले परिवततेंनों का कुछ विशेष पता चलता है । बनिएधलिनििपटििसपलपट पटल यपपपपलयरपययटमसयपप्यपपप्यपपययपानयनमपसयपससममलनपसननयममनयडयसपयसस्थापथासपणरमननयपथथपसपयपारयनननासगय १. २०८। ऐ. २३७ । हे. ४८४।. ४. ४४६ । ४. ३८३ । ६ प०४। ७. ३०६ । घ. ३०७ । €. ३१४। १०. रेट्प्ु)




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now