भारतीय अतीत की बातें | Bhartiya Ateet Ki Baten
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4.07 MB
कुल पष्ठ :
108
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)आधि पुरखें ४
मोहनजोदड़ो की वात कर चुका हूँ । इस नगर के निवासियों
को हम अपने पुरखे नहीं मानते । सोहनजोदड़ो के उत्तर, पंजाब में
आर्य बसे थे । आर्यों ने इन्हें जीत लिया, धीरे-धीरे एक ओर सिंध
में बस गधे और दूसरी ओर उतसर-प्रदेश तथा विहार तक । फिर
तो इनका प्रधुत्व भारत के सभी निवासियों ने सान लिया ।
इन आर्यों के नेता ऋषि कहलाते थे । हिस्दू अपने को किसी न
किसी नऋषि की संतान सानते हैं। किसी हिन्दू से पुछिए, तुम्हारा पया
गोत्र है ? तो कोई वातिप्ठ गोल का है, कोई कौशिक गोन्न का, कोई
अंगिरस गोत्र का । थे सब आर्य च्षि थे । यों गोती वनकर हिन्दू
* को ही अपने पुरखे मानते हैं ।
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