राजस्थान रा लोकगीत भाग - १ | Rajasthan Ra Lookgeet Vol I
 श्रेणी : भारत / India

लेखक  :  
                  Book Language 
हिंदी | Hindi 
                  पुस्तक का साइज :  
8.03 MB
                  कुल पष्ठ :  
380
                  श्रेणी :  
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)म्हामाया
रे
चावछां भरियों बाटठको अं बहू, थे कित चाल्या जी राज
आज म्हारी मावली मंढ में विराजे
म्हे घोकण-पुजण जाय बिजासण, हरख होलरियो जी राज
रोठी भरियो चोपड़ो अ' बहू, थे कित चात्या जी राज
आज म्हारो मावली मंढ़ में विराजे, म्हे०
काजठ भरियो कल पलो भ' बहू, थे कित चात्या जी राज
श्राज म्हारी मावर्ली मंढ में विराज, म्हे०
फूलां भरियो छाबड़ो अे बहू, थे कित चात्या जी राज
आज म्हारो मावली मंढ में विराजें,  म्हे०
हाथ कसुमल चूनड़ी भे बहू, थे कित चात्या जी राज
सागे लीन्यो सायवो भें बहु, थे कित चाल्या जी राज
योदी लीन्यो गीगलो ए बहु, थे कित चाल्या जी राज
श्राज म्हारी मावली मंढ़ में विराजे
स्हे घोक दिरावण जाय 'बिजासण, हरख होलरियो जी राज
स्हामाया १६
 
					
 
					
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