राजस्थान रा लोकगीत भाग - १ | Rajasthan Ra Lookgeet Vol I

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Rajasthan Ra Lookgeet Vol I by रावत सारस्वत - Ravat Sarasvat

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about रावत सारस्वत - Rawat Saraswat

Add Infomation AboutRawat Saraswat

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
म्हामाया रे चावछां भरियों बाटठको अं बहू, थे कित चाल्या जी राज आज म्हारी मावली मंढ में विराजे म्हे घोकण-पुजण जाय बिजासण, हरख होलरियो जी राज रोठी भरियो चोपड़ो अ' बहू, थे कित चात्या जी राज आज म्हारो मावली मंढ़ में विराजे, म्हे० काजठ भरियो कल पलो भ' बहू, थे कित चात्या जी राज श्राज म्हारी मावर्ली मंढ में विराज, म्हे० फूलां भरियो छाबड़ो अे बहू, थे कित चात्या जी राज आज म्हारो मावली मंढ में विराजें, म्हे० हाथ कसुमल चूनड़ी भे बहू, थे कित चात्या जी राज सागे लीन्यो सायवो भें बहु, थे कित चाल्या जी राज योदी लीन्यो गीगलो ए बहु, थे कित चाल्या जी राज श्राज म्हारी मावली मंढ़ में विराजे स्हे घोक दिरावण जाय 'बिजासण, हरख होलरियो जी राज स्हामाया १६




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now