गीता का आरम्भ | Gita Ka Aarambh
श्रेणी : धार्मिक / Religious, हिंदू - Hinduism
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
11.24 MB
कुल पष्ठ :
386
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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श्रीमगवा नुवाच
कुतस्त्वा कर्मलमिदं विषमे सप्ठुपस्थितम् ।
अनाथ जुष्टमस्वग्ये मकी तिंकरम जुंन ॥र१॥।
क्ठेब्य॑ मा से गमः पाथे नेतत्वय्युपपद्यते ।
शुद्ें हृदयदौबल्य॑ त्यक्त्वोचिष्ठ॒ परंतप (! ३ ॥
अजुन उभ्च
कथे भीष्ममदं संख्ये द्रोगं च. मधुप्दन ।
इपुभि। प्रति योत्स्यामि प्जाइविरिश्दुन ॥ ४ ॥
गुरूनदत्वा दि... महालुभावान्
श्रेयों भोक्तुं भेक्ष्यमपीह लोके ।
हत्वाथंकामां स्तु गुरूनिदेव
सुज्लोय भोगान्रुधिस्दिग्धातू ॥ ५ ॥
न चेतट्रि। कतरननों गरीयों
यद्दा जयेम यदि वा नो जयेयु ।
यानेव हत्वा न. जिजीविषाम-
स्ते5वस्थिता। प्रप्ुखे धातराष्ट्री: ॥ 5 ॥|
का्पण्यदोपोपह तस्व भाव:
पृच्छामि त्वां धर्मसं पट चेताः
यच्छय। स्थान्निश्विते ब्रूह्ि तन्मे
_... शिष्यस्तेश्द॑ शाधि मां त्वां प्रपन्नमू ॥ ७ ॥
न हि प्रपस्यामि ममापतुद्यादू
'..... यच्छोकमुच्छोषगमिन्द्रियागामू ।
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