बांकी दासरी ख्यात | Banki Dasri Khyat
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9.24 MB
कुल पष्ठ :
232
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१४-१८ | राठोड़ांरी वातां' दे
सेतराम ४, सीहो ५, आसथान ६, धूहड ७, रायपाठ ८, कान्हर ९, जाल-
णसी १०, छाडो ११, तीडो १२, सलखो, १३, वीरमदे १४, चूडो १५, रिंडमल १६,
जोधघो १७, सूजो १८, बाघों १९, गागो २०, मालदे २१, उदेसिघ २२, सूर-
सिघ २३, गजसिघ २४, जसवतसिंघ २५, अजीतर्सिघ २६, वखतर्सिह २७,
विजैर्सिह २८, गुमानसिह २९, मानसिघ ३० ।
सीहोजी
११, पालीसू सीहैजी कनवज जाय अन्हनू टीको दियो, आप गोयंददाणी गढ वसायो ।
चाढठीस सासण दिया, वरस १७ राज कियो ।
पुरोहित साथ बेटा तीनू पालीमे मिलिया ।
आसथान
१२. सीहाजीरे ठीक आसथानजी, खेड गोहिलांरे परणिया. पढें साला प्रतापसीनू
कह्मो - डाभी थांहरै वडा ग्रासिया हे, इणनू काढ देवो.. पढें काढ दिया
किताक दिना डाभी आसथानजीसू आय मिलिया. डाभी डावा, गोहिल जीमणा.
तढाई माथे मार खेंड लिवी. डाभी - गोहिल जिंग तढाईं माथे मराणा उणरों
नांव पापेठाई दियो, हमे उणमें गेहू हुवे छे ।
१३. गासथान सीहावत पाठछी काम आायो ।
१४. आसथानजी सीहावतरे गोयलाणी राज-छोक है * * ' साथ बेटी ईदी उछरगदे,
राणा वूढारी बेटी, दहिया जमलनू परणायी हुती, उणसू अणवणत हुई,
आसथानजीरा घरमे पेठी. जैमलरा बेटा - बेटी साथ लिया आयी ही. ऊ
दहियो खेडह्दीज मोटो हुयो. उण राठौडरो वैर छलियो. जिणसू दह्ियो तेरे
.साखरो तिलक कहावे ।
१५. बहू ईदी उछरगदे, गोहिल जैमलनू परणायी हुती, राणा वूढारी बेटी, जैमलसू
वणियों नहीं, जद आसथानजीरा घरमें पैठी ।
. धूहड़
१६ घूहड ईंदारो भाणेज आसथानजीरे टीक॑ वे घड़ी” * ** *पड़ियारसू कियो.
घूहडनू चहुवाणा मारियो ।
१७. आसथानजीरा धूहूडजी धूहडजीरा बेटारी विगत - रायपाठ महिरेठण १
जोगाइत उडणो २. वेगड कटारमल ३. जा गजउछाठ ४. क्रीतपाठ अतैउर-
सिणगार ५ पेथड हाक-ववाठछ ६ कहाणों ।
१८. सरगधरीरी कोठ्ू पाबूजीरो उतन. फलोधीरी कोछ्ू काम आया ।
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