श्रीमाद्भाग्वाद गीता और उसका पधानुवाद | Shreemadbhagwad Geeta aur uska saral padanuvad
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
3.51 MB
कुल पष्ठ :
348
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)रै४ तथापि दो तीस बातों में दैंदिक बर्मो इससे खददमत नहीं जैसे झावतार बाद विराट रूप दर्शन ईश्वरीय ज्ञान परम पवित्र बेरों के सम्बन्ध में उनके मदत्द को कम करके दिखासे का भाव छादि २ इन घिषयों के सम्बन्ध में टिप्पणी करके मैं इस गीता के नुवाद की रोच+ता में बाघक बनना उचित नददीं समकता । इस बिषयों के सम्बन्ध में जो जैसा २ विश्वास रख्ता है बेस बैसा इनका समाघान कर लेगा । झनुवादक ने केवल मूल पुस्तक का अनुवाद करके जनता के सामने रकक्खा हे । इसे समझना ब इस पर सम्मति देना झल्षग काम है। मैं इन थोड़े से शब्दों के साथ ला० ज्ञानप्रकाश जी को उनके पुरुषा्थं के लिये दयार्दिक बघाई देता हूँ । मुझे झाशा है कि गीता प्रेमी संस्कृत से झत- भिज्ञ सबं साधारण द्िन्दू जनता इसे अनुवाद को बहुत पसन्द करेगी । छऔर इसे झपना कर इससे पूरा २ लाभ उठा छापने कत्त व्य का पालन करेगी । देवघ्रतः धर्मेन्दु ारद्योपदेशक दरिया गंज देदसी ।
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