पोलैंड का बलिदान | Poland Ka Balidaan
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2.62 MB
कुल पष्ठ :
146
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)[ रै६
पते तथा सपने सामूास्य-साधनों की घलि दे रहे. हैं '्औौर फिल-
लेर्ड जैसा सगरय देश रूस जैसी मदन शक्ति से लडते रहने.
का साइस दिखा रदा है । जो सो. संसार का जय
धीरे धीरे चद्द समय ला रहा है जय चौर शोपक
जातियाँ अपने सारे की कठिसता का अलुभव करने. लगी हैं ।
यइ स्पष्ट चाल है कि कल तक संसार को उ गलियों के इशारे पर
नचासे बाला वृटेन झाज अपनी: सामूज्य-रका की ,खैर मना.रहा
है शोर अपना धस्तित्व भी उसे खतरे सें दीख रहा है ।. इस
दृष्टि खे विचार करने पर पोलैरड के युद्ध वा परिणाम व्यापक
और दूर तक पहुँचने वाला हुआ है। अभी उसकी प्रतिक्रिया
सात ही है और राननीतिक्ों को आशंका है कि पोलेण्ड में लगी
हुई आग संसार को चर मुख्यतः यूरोप को शीघध न ठरडी होने
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हमें भावी जगन् की सम्सावित गतिविधियों पर न
चिचार करके उस पोठेर्ड के पूरतिशास के साथ-साथ उस यद्ध
के कारण, रूप घर फल की भलक पाठकों को दिखानी है. जिसको
'झाघुनिक जमेनी फी बैक्ञानिक ऊर्त्र शस्त्र पूणों एवं युद्ध करमा
चिशारद सेनाओं ने झठरहद दिन से प्रबल तूफानी वेग से इस
सकार जजेर कर दिया कि चहाँ की नागधारी सरकार को सपना
इुस्तिस्व चचाये रखने के लिये फागक-एत्र सथा सोना-चरैदी एवं
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