तुलसी साहिब हाथरस वाले की शब्दावली और जीवन चरित्र भाग १ | Tulsi Sahib Hathras Vale Ki Shabdavli Aur Jivan Charitr Bhag Ii
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
5.86 MB
कुल पष्ठ :
152
श्रेणी :
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दाप्त तुलसी निरबान पद निरखि के ।
छाड़िया राह घर अघर माही ॥
(६)
चौदही तबक किताब कूरान में ।
पीर चौबीस पुनि वोहू गावा ॥
अल्ञा रचि खेल सब जहदान, झालम किया ।
ाव और ताब पट झबर आवा ॥
सरा' का खेल मुहम्मद से कर कहे ।
यही घिधि तुरक तकरीर लावा ॥
जैन मत माहिं गुनिष्ठान चोदह कहे ।
बिधि भगवान चोबीस गावा ॥
रिषबजी रचन संसार की थापना ।
आपने मते की वोहू लावा ॥
बेद पुरान संसार बाम्दन कहे ।
भागवत भगवान चौबीस गावा ॥
चतुरदूस लोक लीला बरनन करे ।
रचा बेराठ जग बिधि बनावा ॥
झूठ ओर साँच कहो कौन की कीजिये ।
हिंद और तुरक पढ़ि भूल पावा ॥
जैन सोइई जिंद बुँद झादि को ना लखा ।
तीन में किनहूँ नहिं चीन्हि पावा ॥
दास तुलसी कहे अगम घर झघर हे ।
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संत बिन भेद नहिं हाथ आावा ॥ १०
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अगम की लहर सुख सहर हुसियार हो ।
. मिहर बिच कहर दिल दूर जावे ॥
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न नस्ममसलमान को सजदकी किताब
शशरचप -- सुसलमानों को सजहवी किताब ।
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