राम चन्द्रिका | Ram Chandrika
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
8.25 MB
कुल पष्ठ :
280
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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रामचन्दिका की कथावस्तु
पहिला प्रकाश
दोहा :--यहि पहले परकाश में, मंगल चरण विशेष |
श्रन्यारंभ रु आदि की, कथा लददई्िं बुध लेख |
अ्रन्थारंभ में गणेश वन्दना, सरस्वती वन्दना के उपरान्त
कवि ने श्रीराम वन्दना की है । वंश परिचय एवं अंथ रचना काल
देने के उपरान्त श्रन्थरचना के'कारण उल्लिखित हैं; इस प्रकार
प्रस्तावना समाप्त करके कथारंभ किया गया है। सू्यवंश के शिसो-
मणि राजा दशरथ के चार पुत्र हुए--राम, लदमण, भरत और
शंत्रुन्न । सरयू नदी के किनारे, 'झवधपुरी है वहाँ विश्वामित्र का
व्मागमन हुआ । सरयू नदी का वर्णन, राजा दशरथ के हाथियों का
वर्णन, वाटिका वर्णन, अवधपुरी का वर्णन करते हुए विश्वासित्र
जी राजा.दशरथ के दरबार में पहुँचे ।
दूसरा श्रकाश
दोहा पनया द्वितीय परकाश में, मुनि आगमन प्रकास |
राज सो रचना वचन, राघव चलन विलास ॥
राजसभा में विश्वामित्र के प्रवेश करते ही चारण ने प्रशस्ति-
वाचन किया | राजा दशरथ के वैभव को देखकर मुनि विश्वासित्र
न्वमर्क्त हुए । राजा दशरथ ने अभ्यर्थना करके उनके आगमन
का कारण पूछा । विश्वामित्र ने यज्ञ-रक्षा के हेतु राजकुमारों की
याचना की । राजा दशरथ ने चालकों की अल्पवयस्कता को प्रकट
करते हुए यज्ञरक्षण के हेतु ससैन्य स्वयं चलने की इच्छा प्रकट'
की, इस पर विश्वासित्न को क्रोधित देखकर वशिष्ठ जी ने
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