प्राचीन भारत वर्ष की सभ्यता का इतिहास भाग 2 | Prachin Bhart Ki Varsh Sabyata Ka Etihas Vol-2
 श्रेणी : इतिहास / History

लेखक  :  
                  Book Language 
हिंदी | Hindi 
                  पुस्तक का साइज :  
7.6 MB
                  कुल पष्ठ :  
188
                  श्रेणी :  
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)अर ] दिन्दुओं का फेलाद (१३
हिन्द लोग आगे की झोर विजय करते गए श्ौर आदिवासी
उनकी उच्च सभ्यता और उत्तम धर्स को स्वीकार करते गप.। उन्हों
ने लदियो' को पार किया, जंगलों को साफ किया, भुमि को काम
में लाने योग्य चनाया, उजाड़ भूसि को वसाया और उन सण: देशो
में जो अच तक श्रादिवासियों के थे, हिन्दूशासन श्रौर हिन्दूघर्म
का प्रचार हुआ । जहां पहिले थोड़े से लोग जा घुसे थे चहं नई
प्रचल चस्तियां हो गईं श्रौर जहां घार्मिक आचार्य लोग पकान्त में
जा चसे थे उन स्थानों पर शान्त गांव और नगर दो गए । जिन
स्थासो पर दो चार व्यापारी लोग किसी अधिदित नदी द्वारा 'जा
पहुंचे थे घहां अब सभ्य लोगों के काम की झमूल्य चस्तुझो' से
लदी हुई नावें श्राती जातो थीं । जहां किसी राज्यवंश का कोई
मनुष्य देश से निकाला जा कर था शिकार के लिये आ चसा था,
चहां अब पक हरा सरा राज्य दिखाई देता था जिसकी प्रजा बेदी
आदिमचासी लोग थे जोकि जीते जा कर सभ्य श्र हिन्दू हो गए
थे | और जहां जंगलियों' ने कुछ पेड़ गिरा कर जंगल का थोड़ा
सा साग साफ कर लिया था वहां झव कोसो' दूर तक फैले हुए
ख़ुद्दादने खेत दिखाई देते थे जिनमें कि हरेमरे अनाज के पेड़ लहर
रहे थे और सभ्यता की उन्नविं बसी साद्ी दे रहे थे ।
९:दक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में तथा पक शताब्दी से दूसरी
शत्ताव्दी में झायों के विजय का इतिहास इस प्रकार है । श्र
प्रत्येक सूबघ्न्थ से यथाक्रम यही चिदित दोता है कि सभ्यता की
उष्नति तथा असभ्यता की कमी होती गई। दार्शनिक काल कहे
समाप्त ोने अर्थात् इंसा के पहिले चौथी शताब्दी के चुत पहिले
ही हम लोग सारे भारतवर्ष को चसाया हुआ, सभ्य तथा द्न्द
बनाया इुआ पाते हैं और झादिमनिवासी लोग केवल उन पहाड़ियों
झऔर जंगलों में रह गए थे जिनको जीतने से झारय॑ लोग घृणा करते
थे | इनमें केबल विजय करने का ही इतिहास नहीं है कि जो दर्शल-
शाख्र जाननेवालों के लिये मनोरज्क न हो । इनमें तच तक अविदित
देशो और आदिवासों जातियों से हिन्दू. सभ्यता के प्रचार की सी
कथा है । दक्षिण के अन्घ्र लोग, गुजरात क्ले सौराघू लोग, दक्षिणी
भारतवर्ष के चोल, चेरा और पांड्य लोग और पूर्वी भारतवर्ष के
मगथध, ऊअड्म, चज्ञ और कलिड लोगों ने हिन्दू झ्ायों के श्रेष्ठ घर्स्म,
					
					
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