धर्म्मतत्त्व | Dharmtatao

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Dharmtatao by बाबू महवीरप्रसाद - Babu Mahavirprasad

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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सुख क्या है ? श्ट ाचमवणप्लसम तिनयो गन ियरिपकरन एन पिटिक री पुल करी फनी ब्ीवराप्ी किस न रन रथ किशटकफिशानाा नी भाशी टकरा शा शटिककटकशलसेकललेकलफटीनशफाराफलकलण सुखका एक मात्र उपाय दे।. दहकाल या परकालम दूसरा कौद उपाय नही है । शिष्य । तोभी गडबडड नहीं मिटती । हम लोग कहते हैं कृस्तानों धम्स बौद्ध धर्म वेष्णय घस्म । इसके बदले क्या कृस्तानी ्रजुशीलन बौद्ध अनुशीलन वैष्याव अजुशीलन कहेंगे ? युरु ।. घ््स शब्दका अर्थ उलटकर तुमने गड़बड़ मथादी | धरस्स शब्दव्हा श्नेक श्र्थोमे व्यवहार किया लाता ह।. सूसरे गर्थोधि हमे सतलब नहीं हो 1 तुमने जिस श्यसे इस समय चम्म शब्दका व्यवहार किया हे वह श्रज्रेजी ०100 शब्दका ताजा तश्जसा साच है देशी चीज नही है । शिष्य ।. श्च्छा यही समभाइये कि रिही।छु।000 क्या हू ? गुद ।. क्यों ? 300 पास्थात्य शब्द हो पास्थात्य पशिड- तोंने इसको तरह तरदसे घमभाया हू किसीसे दिवोकी राय नह्टी सिलेती ॥१ शिष्य । पर दया. रिलोजनमस रेस कोई नित्य पदाण मह्दी है जो सब रिलीजनोंम पाया जाता हो ? गुस। हे। किन्तु उस नित्य पदाथकों रिलीजन कहनेष्टी दरकार भही है।. उसको धम्स कदनेसे कोई गड़बड़ नही रहेंगी । न शिष्य । सो केसे ? शुरु ।. सब सजुध्य पातिकें लिये --कृस्तान हो चाहे बीद्ध हिन्दू हो चाहे सुबलसान-- सबके लिये जो घस्म है । शिव्य +. केसे उसदा पता सिखे ? गुरु ।. सनुष्यका थस्म क्या है इसकी खोज करनेसे ही पत मिल सकता है। शिष्य ।. वही सो पूदना ह। निचे ायपमिवापचवन्विवहेकनवनिंकलककाण्ययएतललिपटिटीेशडलशसटटलल कक एशशसफपीफओनटफॉर्एशल/पॉलिवकशिशककॉलकलडणणए्यएयएयएतल्‍ए डक एकटफ रन सलनवलशसेसिफेफसलॉफि कफ लिवशयफककतलफत 0५१ ्कवि्टककि लीक ककररएल्‍एल्‍स्‍एक्‍ल्‍क्‍। सरल # क चिन्हित क्रोड़पन् देखी । 1 ख चिन्हित कोड़पच देखो । २




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