विनय - पत्रिका | Vinay Patirika

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Vinay Patirika by गोस्वामी तुलसीदास - Goswami Tulsidas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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श्रीश्रीरीतारामान्यां नमः विनय-पत्रिका राग बिलावल श्रीगणेश-स्तुति [ श गाइये गनपति जगबन्दन । संकर-सुवन-भवानी-नन्दन 1१0 सिद्धि-सदन, गज-बदन, बिनायक । क़ृपा-सिन्धु, सुन्दर सब लायक मोदक-प्रिय मुद-मेंगठल-दाता। चिद्या-वारिधि, वुद्धि-विधाता ॥३े॥। मौगत तुलसिदास कर जोरे । बसहिं रामसिय मानस मोर 121! सावार्थ-सस्पूण जगत्‌के वन्दनीय, गणोंके स्वामी श्रीगणेशजीका गुणगान कीजिये, जो शिव-पावतीके पुत्र और उनको प्रसन्न करने- १




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