ज्ञान रत्नाकर | Gyan Ratnakar

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Gyan Ratnakar by श्री सूर्यमाल मिमाणी - Shree Soorymal Mimani

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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मिमाणी महोदयका संक्तिप्त परिचय विक्रम संवत्‌ सन्‌ १९५८ में आपका छुभ जन्म कलकरोणें हुआ । आपके पिलाका नाम श्रीयुत बाबू रासप्रतापली मिमाणी दै। कलकत्त सें आपका कारवार संरादनीय है । आपकी रहन सदन सीधी दे । आपका आस्तिक भाव भी सदाचारपरण हैं। शास्त्रमें जिस प्रकार आपकी प्रतिभा दाक्ति विलस्सण दे उसी प्रकार व्यापार क्षेत्रमें भी आपकी सुझ व्यापारियोंकि लिये प्रदांसनीय हे । आपके सीजन्यसे आपके पिता तथा पित-घ्राता घायू सुगनचन्दजी प्रशनति परियारवर्ग सदैव प्रसन्न रहा फरते हैं । पहले आप विचार चन्ट्रोदूप विचार सागर आर धृत्ति प्रभाकर आदि हिन्दी भापाके आदरणीय भ्रस्थका सिधि अध्ययन कर चुके हैं जिससे आपकी दिलक्षण प्रतिभा धाच्ति चेदान्तके समस्त सैद्धांतिक विपय पधावन्‌ ग्रहण करके चमक उठी थी। पदचातू देदांत परिभापा पश्द्धी सत््चानु-




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