शिक्षा ग्रंथों में संगीत तत्त्व | Shiksha Granthon Main Sangeet Tattva
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
466.08 MB
कुल पष्ठ :
281
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about छायारानी त्रिपाठी - Chhayarani Tripathi
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand) मुमिका >
ह हड का. हु रू. १६8: 55 १5.६5 55 हा हू
पा
तु वेदस्य हस्ताँ कल्पों 5 थ पढ़ते ।
ज्यॉतिथमयन चद पुर्निर बर्त श्रीवमुच्यते * 11.
ग
सकें नल
शिदप प्राण न्तु बैदस्य मुख व्याकरण स्मतमु
त्सागमधी क किट न ड
. तस्मा त्सांगमथी त्वैव ब्रहमछौकें मदीयतै ।।
कर ही
पाणिनि ने शिया को वैदरुपी शरीर का प्राण बताया है ।
बभिप्राय सम्मबत: यही प्रतीत हौता है कि जिस प्रकार प्राणि
मे पि सिवीरे
गण ( नासिका ) सम्मान सुवक है । प्राण्य वायु का साधन ॑
का प्रतीक है। उसी प्रकार राज को समकना चाहिये । वेद का
क माना ही गया है किन्तु इन
४ धक, द
समर
नंगा - सहित क्ध्ययन करना आावः
न. रन
ो स्थान, प्रयत्न, मात्रा, स्वर,
का कहाँ; कैसे, प्रयौग क्या जाय ये सभी - बा
शहाा-ज्ञान के अमाव मैं
ना कठिन है ।
User Reviews
No Reviews | Add Yours...