काव्य चिकित्सा भाग १ | Kavya Chikitsa Vol-i

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Kaya Chikitsa Vol-i by कविराज रामरक्षा पाठक - Kaviraj Ramaraksha Pathak

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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[.. रू. कोष्टक-कफ दोष-कफ के कर्म-रसादि घातुओ मे प्रकुपित कफ के कर्म-विदोष पश्चमहाभुत परिषदु मे हुए निर्णय । २. रोगी तथा रोग परीक्षा-- ४२-५०४' रोगी तथा रोग परीक्षा की आवइ्यकता-रोगी तथा रोग परीक्षा मे आप्तोपदेशा का महत्त्व-प्रत्यक्षपरीक्षा-प्रश्नद्वारा व़िज्ञेयभाव-श्रोजेन्द्रिय द्वारा परीक्ष्य द्वारा परीक्ष्य द्वारा परीक्ष्यमाव-स्पर्श द्वारा परीक्ष्य माव-रसनेन्द्रिय द्वारा. परीक्ष्यभाव-देशपरीक्षा-लघुव्याधघित-गुरुव्याधित- कालपरीक्षा-नित्यगकाल-आवस्थिककाल-जातिपरीक्षा-सात्म्यपरीक्षा-आतक समुन्पत्ति तथा कालप्रकर्ष-वेदनासमुच्छाय बलररीक्षा-असिंपरीक्षा-कोष्टपरीक्षा-मल प्रवृत्ति स्वन्न- दर्शन-अभिप्राय-मुंख कास्वाद-उपशयानुपदाय-नक्षत्र अनुमान द्वारा परीक्षा-प्रकृति से रोगी की परीक्षा-सार से रोगी की परीक्षा-सहनन से रोगी की परीक्षा- प्रमाण से रोगी की परीक्षा-संत्व से रोगी की परीक्षा-सात्म्य से रोगी की परीक्षा-व्यायाम शक्ति से रोगी की परीक्षा-आहार दक्ति से रोगी की परीक्षा- वय से रोगी की परीक्षा-विकृतियों से रोग की परीक्षा-निंदान से रोग की परीक्षा- दोष से रोग की परीक्षा-दृष्य से रोग की परीक्षा-लिंज्ध से रोग की परीक्षा-नाडी- परीक्षा-नाडीपरीक्षण यों परीक्षा-मुखप रीक्षा-ओष्टपरीक्षा-दन्तपरीक्षा-गलपरीक्षा-नासिकापरीक्षा ।




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