बंगाल का काल | Bangal Ka Kaal

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Bangal Ka Kaal by बच्चन - Bachchan

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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बंगाल का काल पर जो नगपति के उच्च दिखर सें रासकमारी के पदनख तक, गिरि-गह्तर में, वन प्रांतर में, मरुस्थलों में, मंदानों में, खेतों में औ' खलिहानों में, गाँव-गाँव में, नगर-नगर मे, डगर-डगर में, बाहर-घर म॑ स्वतंत्रता का महामंत्र बन कंठ-कंठ से हुआ निनादित, कंठ-कंठ से हुआ प्रतिध्वनित | जपकर जिसको आजादी के दीवानों ने कितने ही दी मिला जवानी मिट्टी में काले पानी में ।




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