भारत वर्ष का इतिहास भाग 1 | Bharat Varsh Ka Itihas Bhag-1

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
श्रेणी :
Book Image : भारत वर्ष का इतिहास भाग 1  - Bharat Varsh Ka Itihas Bhag-1

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about लाजपतराय - Lala Lajpat Rai

Add Infomation AboutLala Lajpat Rai

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
(४३ स्वसय मारस्मिक शित्ताकी जो पुस्तकें प्रचलित हैं उस में भी हमारे इतिद्ासका बहुत ही कम भाग हैं । फिर प्रचलित पेतिहासिक पुस्तकॉमें भी हिन्दुधोंके समयका चत्तान्त बहुत दी कम हैं । इसका फल यद्द हैं कि चसैमान रीतिसे थिच्चा पाये हुए; नवयुवकी को 'मपनी ज्ञातीय वातों का बहुत कम '्मौर प्राय: श्रयधार्थ ज्ञान है । चहुतसे दिन्दू नवयुवकॉंको यथार्थ रुपसे यदद जात नहीं कि चेद कितने हैं झौर वर्तमान धर्मा का उनके साथ क्या सम्बन्ध है । बहुतसे रोति-रिवाज हमें इस समय भू घोर ब्यर्ध देख पढ़ते हैं, ्रीर इम उनको सर्वया छोड़ देमेपर उद्यत हैं । परन्तु यदि दमें उनके भरूलक्रा पता हो तो शायद दम उन्हें न सोड़ें, '्रथवा इस प्रकारसे उनका सुधार कर सकें कि वास्तव में थे जिस लामंके लिये वनाये गये थे वह कम न दो । कालके परिवर्तनसे हममें घडतसे दोष था घुसे हैं । परन्तु हमें पूर्ण विश्वास है कि यदि दमारी जातिमें अपने श्तीत इतिदासका यधार्थ शान फैल जाय तो दे दोप झ्पौर वे घुराइयाँ चहुत शीघ्र आर चहुत दृदतक दूर होजायें । पक समय था जब इस देशमें और इस जातिमें पढ़ने * लिख॑निका चहुत रिवाज था 'झौर यहांके लोग प्रायः विद्या- व्यसनी समझे जाते थे; परन्छु इस समय जातिका पक चढ़ा भाग लिखना पढ़ना भी नहीं जानता । + पक समय था. जब यह्द जाति सामान्यतः सस्यवादी थी 1 मिध्या-मापणुको, भूठी साक्षी देनेको, और करट श्ोर छलकों बढ़ी घूणाकी दृष्टिसे देखा जाता था;-या अब यद्द समय झा गया है कि दमारे बहुत से वर्तमान राजकर्मचारी सामान्यतः भारत- चास्ियोंको मूउा समभते हैं । ऐसे दी हमारी घीरता, दमाय




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now