इमन डी वेलरा का जीवन चरित्र | Eman De Vailara Ka Jeevan

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Eman De Vailara Ka Jeevan by नारायण प्रसाद अरोड़ा - Narayan Prasad Arora

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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(५ ) सीनफोन सभाओं को तरह समभायें स्थापित हो रही थीं, जिनका उद्देरय यह था कि किस प्रकार बोनापार्ट के परिवर्षित श्धिकारों की रोक टोक की जाय । फज्ञत: जनता की देश-भक्त पार्टी ने विदेशी आक्रमणकारी के विरुद्ध युद्ध घोषणा कर दी और किसी प्रतार के भी समभौता करने से इन्कार कर दिया । अंग्रेजों की सहायता लेकर सेन स्वतन्त्र हो गया । इमन डो वेलरा की माता का नाम केथराइन कोल था । वह लेमरिक प्रदेश के न्ररी नामक स्थांन की रहनेवाली थी । उसके निवास-र्थांन के ज़िले भर में उसकी बड़ी इज्जत थी। जिस समय वह सन्‌ १८४५९ के ब्मक्टूबर मास में झमेरिका जाने लगीं, उस समय सारे जिले के लोग बड़े दुःखी हुये। अमेरिका पहुँच कर उन्होंने संयुक्त राज्य में काफ़ी श्रमण किया। अपने पति की तरह चन्होंने भी उच्च शिक्षा प्राप्त ही थो, शिक्षा के हो कारण उन्हें झपने श्रमण में बहुत आनन्द प्राप्त हुआ । अपनी युवा- वस्था ही से वह एक योग्य और श्रादर्श महिला थीं । उमेरिका में इंमन डी वेलरा का जन्म होना हमें यह स्मरण कराता है कि अमेरिका और आयरलैंड का सम्बंध बहुत प्राचीन- काल से रहा है । अमेरिका के सामाजिक, राजनैतिक, व्यापारिक और सामरिक जोवन में ्यायरलेंड के लोगों का विशेष हाथ रहा है । अमेरिका के बड़े बड़े लोगों में आयरिश लोगों ने खास स्थान प्राप्त किये थे । बाशिज्ञटन की आधी फौज आयरिश थी अमेरिका के वड़े बड़े धनीलोगों में झनेक 'झायरिश भी हुये हैं । सार्राश यह कि अमेरिकी को सभ्यता को बनाने और उसे वर्तमान उच्च शिखर पर पहुँचाने में तथा संसार की महती जातियों में उसकी गणना करवाने में झारम्भ - काल ही से आयरिश लोगों का विशेष हाथ रहा है ।




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