जातक तृतीय खण्ड | Jatak khand 3
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
213.57 MB
कुल पष्ठ :
509
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)[5३ .]
इ१८, कणवेर जातक . ...... ं २९६.
[ श्यामा ने नगर-कोतवाल को हजार दे डाकू की जान
बचाई श्र उस पर आसक्त होने के कारण उसे झपनां
स्वामी बनाया | डाकू उसके गदने-कपड़े ले चलता बना ।
३१४, तिन्तिर जातक था र३१..
[ चिड़िमार फसाऊ-तीतर की मदद से तीतरों को फसाता
था । तीतर को सन्देह हुश्ना कि बह पाप का. भागी है. वा
नहीं ? ]
दे ०, सुच्चज जातक कर कं रद
[ रानी ने राजा से पूछा--यदि यह पबत सोने का हो
जाय, तो मुझे क्या मिलेगा ? राज्ञा ने उत्तर दिया--तू कौन
है, कुछ नहीं दूंगा । ]
२. कटिदूसक बग ल् रद.
३९१, कुटिदूसक जातक कल रेप.
[ बन्दर ने बये के सठुपदेश से चिढ़कर उसका घोंसला
नोच डाला । ]
३९२ दुदम जातक. , ,... ..... कि
[ खरगोश को सन्देह हो गया कि एथ्वी उलट रही है । सभी...
:.. बन्ध-विश्वासियों ने उसके शअलुकरण में भागना शारम्भ
किया। पु ला मद सर
देर३, बह्ादत्त जातक न कप
[ब्राह्मण ने बार बष. के संकोच के. बाद राजा से.
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