हिंदुस्तान मनोरंजन पुस्तक माला | Hindusthan Manoranjan Pustak Mala

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Book Image : हिंदुस्तान मनोरंजन पुस्तक माला  - Hindusthan Manoranjan Pustak Mala

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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९३४ हिमालय के दुरे-दिमाचल के उस पार के मुख्य मुख्य दरें तीन समरूददा में विमाजित किए जा सकते हैं । पहला शिय- की समूद्द जा सतलज के मार्ग से तिष्वत का मार्ग सूचित करता है । यद्द सतलज नदी ददिंमालय की उत्तरीय सीमा के उस पार की पर्वतीय भूमि से हिंदुस्तान के मैदानें में झाती है । इस समूह में ही घहद मार्ग है जा बहुत दिनों तक तिब्बत और हिंदुस्तान के बीच का ब्यापार-मार्ग समझा जाता रहा है । संभवतः इसी ने प्रारम में शिमले की स्थिति को निर्णाति किया है । यधपि यदद पक घट्ुत खंवा उम्दा रास्ता है परंतु न्यापार-मार्ग की दृष्टि से इसने कभी सफलता प्राप्त नद्दीं की । दूसरा झालमाड़ा समूद है जिससे श्रलमोड़ा और नैनीताल की स्थिति निर्णीत हुई है और जा उनके उत्तर में है। इन रास्तों के उस पार विशेष कर. मेड़ीं द्वारा फुछ व्यापार झवश्य देता रहता है। झलमाड़ा समूद्द से तनिक पूर्व फी श्यार पक पहाड़ी मैदान है जिसमें घाघरा नदी की मुख्य शाखा धहती है जा उस प्रसिद्ध जलाशय के पास से ही निकलती है जा मानसयोचर भील तक धरावर बहता गया है और जिसमें से सतलज इंडस झार थूहापुत्र नदियाँ निकली हैं। तीसरा समूद्द शिकम रियासत की उत्तरीय सीमा के उस पार दार- जिलिंग से दक्षियीय तिब्बत झर लासा तक है । इस प्रकार दिमालय के समस्त मुख्य मुख्य दरें तिव्यत की ऊपरी भूमि में हैं । इनमें वे दूर तक शामिल हैं. जा घास्तव में दिमालय




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