मार्कन्डेय पुराण | Markandeya Purana
श्रेणी : पौराणिक / Mythological
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
39.19 MB
कुल पष्ठ :
110
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about भगवानदास अवस्थी - Bhagwandas Avsthi
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)'्ाइ्प्रागकरिक:
५4... सार्कण्डेय पुराण... [ अध्यायरेदे
वरस्य आश्रम में ले आये श्र यत्र पूबक उन का छालन
बालन करने लगे । कुछ समय बाद बच्चे बड़े हुये और उड़
कर सर्यके रथ तक जा पहुंचे । सूर्य देव के प्रभाव से उन्हें
पूर्व शक्ति और ज्ञान की प्राप्ति हुई । वें नद,नदी, समुद्र
बन,पर्वत आदि को देखतें हुए फिर श्पने आश्रम में लौट
आये और शमीक ऋषि को प्रशाम कर मनुष्यों की वाणी
में घुद्ध-स्पष्ट दाब्दों में बोले--'झाप ने हमारे श्राण बड़े
संकट के समय बचाये हैं । फिर हमें पाल-पोस कर बड़े .
यत्न से बड़ा किया । झाप का हमार ऊपर बड़ा उपकार
है। आ्ाज्ञा दीजिये कि इम झाप की क्या सेवा करें! _.....
... पक्षियों के बच्चों के इस प्रकार शुद्ध, स्पष्ट, बुद्धिविषेक-
_ युक्त वचन सुन कर सबको बड़ा आइचये हुआ । ऋषि ने
उनसे पूर्व-जन्म का इतांत और पक्षि-योनि में जन्म देने
: का कारण पूछा । बच बोले-'प्राचीन समय में विपुल-
_स्वान नामक महानुभाव के सुक़श श्र तुम्बुरू नामक दी.
User Reviews
No Reviews | Add Yours...