राजस्थान में स्वतंत्रता संग्राम | Rajastahn Me Swatantrata Sangram

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Book Image : राजस्थान में स्वतंत्रता संग्राम  - Rajastahn Me Swatantrata Sangram

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राघव प्रकाश - Raghv Prakash

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हरिदेव जोशी - Haridev Joshi

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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1 प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम-1857 सचु 1848 में लॉ्ड डलहीजी भारत का गवर्नर-जनरल होकर श्राया । उसने भारत में भ्रंग्रेजी राज्य के दिस्तार हेतु एक नये सिद्धान्त “डॉक्टरिन झॉफ लेप्सेज” का प्रतिपादन किया । इस सिद्धान्त के झ्रचुतार यदि कोई राजा या नवाव निः:सन्तान मर जाता तो उसकी रियासत जुब्त की जाकर उचत्ते ब्रिदिश-भारत का घाग बना दिया जाता 1 इस नीति के फलस्वरूप सतारा, भांसी, नागपुर, श्रवध, कर्नाटक शझ्रादि रियासतें अ्रंग्रेजों द्वारा जब्त कर ली गई । देशी राज्यों के शासकों में इसकी तीव्र प्रतिश्रिया हुई जो सन्‌ 1857 की संनिक क्रार्ति (गदर) के समय सामने श्रायी ॥ 10 मई, 1857 को मेरठ की छावनी में भारतीय सेना ने विद्रोह कर देश में मान्ति का बिगुल बजाया । पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अ्रनुसार कई देशी राज्यों के शासकों एवं अन्य राष्ट्रीय शक्तियों ने श्रन्तिम मुगल सम्नाट वहादुरशाह ''जफर'” के नेतृत्व में भारत से धंग्रेजी सत्ता को फेंकने के लिये शस्प्र उठाये | भ्रंग्रेजों से देश को स्यतन्प्र फरने की दिघा में यह पहला बढ़ा प्रयत्न था । इसी कारण इस श्रान्ति वो भारत की रवतन्त्रत्ता का. प्रथम युद्ध फहा जाता है । दुर्भाग्य से राजस्वान दे श्रघिकांथ रायायों ने राष्ट्रीय शक्तियों का साथ न देकर ग्रंग्रेजों की सहायता की । इसका कारण उनका यह विस्यास था दि धग्रेसी शासन की चदौलत ही उन्हें सरहठों, पिण्टारियों घौर उनके स्वयं के यागीरदारों से रारत मिली है । का मटाराजा सरदारसिंद्ट गदर से को सदायतता देने में श्रग्र्णी था । चह राज्य की सेना के 5,000 पुटसवार भौर पैदल लेकर पंजाब के टासी, सिरसा प्ोर मार लियों में गया, जहाँ भारतीय सेना सही दुर्गा विद्रोह में घामिन हे गयी थी । चाइलू नामक रंयान पर बीकानेर थी सेना का थिद्रोहियों से मड़ा सुफायसा रुप, दिसमें दिदोरियों दो सात गयोनी पढ़ी । पर चीसानिय की सेना को भी भारी क्षति उदानी पढ़ी । उनके नर मधिरारी ये सैमिन सेन साजस्पान के रायाधों से चौफा- नर हो ऐसा सजा पथ जन पा घागक स्ययं भी से येजो की सहायताएं यो प्यास में ना राज्य के दातर गया । सटारादा दी इस सेयायों से तोगर थे ने दोरासर सो टीवी परणने में 41 गव दिये 11 पो सन, सन, घन एप घना से घमेय सरमार से जयपुर हो विन कीट प्‌ दिलाया दिया भय प पाए घर सडक दिए हएडस रमन 4 शक प्‌ अप दा हा पुन 195 1




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