संसार के महान उपन्यास | Sansar Ke Mahan Upanyas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१६ ससार के महान उपन्यास नट चुरा लाए थे । यत्रवादक ही मिनन का पिंता प्रमाणित हुआ । जब उसे यह ज्ञात हुआ कि जिस स्त्री को उसने प्रेम किया था वह बहिन भी थी तो उसको बुद्धि भ्रमित हो गई और वह निरुहदेद्य कही निकल गया । अब विल्ह्रेम की अन्तिम समस्या भी सुलभ गई। लोथारियो ने उसका हाथ थामकर कहा यदि मेरी बहिन से तुम्हारा गुप्त सबब था जिसपर मेरा और टैरंसा का सबथ निर्भर था तो क्या हुआ ? उसने प्रतिज्ञा की है कि हम दोनो दम्पति पवित्र वेदी के सम्मुख उपस्थित होगे । तब बेरन विल्हेम को नटालिया के पास लाया जिसने अपना प्रेम उसके प्रति स्वीकार किया । विल्हेम ने कहा सचमुच मुक्ते जो सुख और आनन्द प्राप्त हुए है मै ससार में किसी भी वस्तु से उसे बदल नहीं सकता । बज ७ प्रस्तुत उपन्यास में गेटे ने कलाकारों के तत्कालीन जीवन पर प्रकाश डाला है। उसने प्रम को माध्यम के रूप में लिया है और व्यक्ति को सुख की खोज को प्रघा- नता दी है । उसका वातावरण रूमानी है परन्तु तत्कालीन समाज का उसने बहुत सुन्दर चित्रण किया हे । सुख और आनन्द की तृप्ति व्यक्ति को किन अवस्थाओ में मिलती है गेटे का उद्देदय इसे दिखाने में रहा है ।




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