मौक्तिक माल | Moktik Mala
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
2 MB
कुल पष्ठ :
118
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
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भूऊे पथिक, पियाके घरकी गैठ पूछते हो ?
मनोवृत्तियेकि घने कंटकाकीर्ण जम फूंक छ्रक कर
पाँव रखते हुए अपनेको प्रठोभनोंकि नर-रक्त-ढोछुप हिंसक
पशुओंसे बचाना;
प्रेमकी डॉगीपर बैठ सात समंदर पार मरकत द्वीपमें
पहुँचना जहाँ अर्चिद्य सुन्दरी रानी मायावती राज्य करती है. |
तुम उस फरफन्दीके कपट-जाठमें न फँसना, नहीं तो घह
छडछ्या तुम्हें अपनी वलखाई जुल्फोंमें मेंणकी मकखी बनाकर
काठान्तरतक कैद कर देगी;
रीलकी ढाल पहन, सूरमा, सत्यके खड्टसे उसके जादुके
दिलेको ढाहकर दूर, और दूर, चके जाना;
मार्गमें अविद्याकी घोर तिमिराच्छादित दुर्गम घाटी पड़ेगी
जिसमें विषय-विषघरोंका वास है, किन्तु हृदयमें अभय धारण
कर ज्ञानका दीपक जला उसे पार करना; फिर,
दारुण विरहद वेदनाका अंगार-विछा ऊबड़-खावड़ गगन-
चुम्नी पहाड़ विश्वासके वलपर ठौँघना ।
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