मौक्तिक माल | Moktik Mala

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Book Image : मौक्तिक माल  - Moktik Mala

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about दिनेश नन्दिनी - Dinesh Nandini

Add Infomation AboutDinesh Nandini

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
प्‌ भूऊे पथिक, पियाके घरकी गैठ पूछते हो ? मनोवृत्तियेकि घने कंटकाकीर्ण जम फूंक छ्रक कर पाँव रखते हुए अपनेको प्रठोभनोंकि नर-रक्त-ढोछुप हिंसक पशुओंसे बचाना; प्रेमकी डॉगीपर बैठ सात समंदर पार मरकत द्वीपमें पहुँचना जहाँ अर्चिद्य सुन्दरी रानी मायावती राज्य करती है. | तुम उस फरफन्दीके कपट-जाठमें न फँसना, नहीं तो घह छडछ्या तुम्हें अपनी वलखाई जुल्फोंमें मेंणकी मकखी बनाकर काठान्तरतक कैद कर देगी; रीलकी ढाल पहन, सूरमा, सत्यके खड्टसे उसके जादुके दिलेको ढाहकर दूर, और दूर, चके जाना; मार्गमें अविद्याकी घोर तिमिराच्छादित दुर्गम घाटी पड़ेगी जिसमें विषय-विषघरोंका वास है, किन्तु हृदयमें अभय धारण कर ज्ञानका दीपक जला उसे पार करना; फिर, दारुण विरहद वेदनाका अंगार-विछा ऊबड़-खावड़ गगन- चुम्नी पहाड़ विश्वासके वलपर ठौँघना ।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now