धर्मशास्त्र अर्थात पुराना और नया धर्म नियम | Dharmashastra arthat purana aur naya dharm niyam

Dharmashastra arthat purana aur naya dharm niyam by अज्ञात - Unknown

लेखक के बारे में अधिक जानकारी :

No Information available about अज्ञात - Unknown

Add Infomation AboutUnknown

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
२ १० भ्ौर सब जीवित प्राणियों मे भी जो तुम्हारे सग हे क्या पक्षी क्या घरेल पशु कया पृथ्वी के सब बनेले पृथ्वी के जितने जीवजन्तु जहाज से निकले है सब के साथ भी मेरो यद् बाचा बन्धमो हे ११ प्रौर में तुम्हारे साथ श्रपनी इस वाचा को पूरा करूगा कि सब प्रारणी फिर जलप्रलय से नाग न होगे ऑ्रोर पृथ्वी के नाश करने के लिये फिर जल- प्रलय न होगा। १२ फिर परमेश्वर नें कहा जो वाचा में तुम्हारे साथ श्रौर जितने जीवित प्राणी तुम्हारे सग हे उन सब के साथ भी युग युग की पीढ़ियो के लिये बान्धता हु उसका यह चिन्ह है १३ कि में ने बादल मे भ्रपना धनुष रस्वा है वह मेरे भ्रौर पृथ्वी के बीच मे वाचा का चिन्ह होगा। १४ श्रौर जब में पृथ्वी पर बादल फैलाऊ तब बादल मे धनुष देख पड़ेगा। १४ तब मेरी जो वाचा तुम्हारे शभ्रौर सब जीवित शरीरधारी प्रारिगयों के साथ बन्धी है उसको में स्मरगा करूंगा तब ऐसा जलप्रलय फिर न होगा जिस से सब प्राग्गियों का विनाश हो। १६ बादल में जो धनुष होगा में उसे देख के यह सदा की वाचा स्मररण करूंगा जो परमेश्वर के श्रौर पृथ्वी पर के सब जीवित शरीरघधारी प्राग्गिया के बीच बन्धी हे। १७ फिर परमेदवर न नूह से कहा जो वाचा मे ने पृथ्वी भर के सब प्राणियों के साथ बान्थी है उसका चिन्ह यही है ॥। १८ नूह के जो पुत्र जहाज़ मे से निकले वे दम हाम श्रौर येपेत थे श्रौर हाम तो कनान का पिता हुआ । १६ नूह के तीन पुत्र थे ही है श्रौर इनका वश सारी पृथ्वी पर फैल गया । उत्पत्ति 12 €. १०--१० १ २० श्रौर नूह किसानी करने लगा भ्रौर उस न दाख की बारी लगाई । २१ श्रोर वह दाखमधु पीकर मतवाला हुआ श्ौर भ्रपने तम्ब के भीतर नड्ठा हो गया। २२ तब कनान के पिता हाम ने झपने पिता को नडद्धा देखा श्रौर बाहर श्राकर अपने दोनो भाइयों को बतला दिया। २३ तब दोम श्रौर येपेत दोनों ने कपड़ा लेकर भ्रपने कन्धो पर रखा श्रौर पीछे की श्रोर उलटा चलकर श्रपनें पिता के नड्डे तन को ढाँप दिया भ्रौर वे भ्रपना मुख्व पीछे किए हुए थे इसलिये उन्हों ने श्रपनें पिता को नड्ठा न देखा । ०४ जब नूह का नशा उतर गया तब उस ने जान लिया कि उसके छोटे पुत्र ने उस से क्या किया है । २४ इसलिये उस ने कहा कनान द्ापित हो वह भ्रपने भाई बन्धुभ्नो के दासों का दास हो । २६ फिर उस ने कहा ठेम का परमेश्वर यहोवा धन्य है भ्रौर कनान शेम का दास होवे । २७ परमंदवर येपेत के वदा को फैलाए और वह शेम के तम्बुग्नो में बसे भ्रौर कनान उसका दास होवे । २६८ जलप्रलय के परचात्‌ नूह साढ़े तीन सौ वर्ष जीवित रहा। २६ श्रौए नूह की कुल श्रवस्था साढ़े नौ सो वष की हुई तत्पदइचात्‌ वह मर गया ॥। नूअ को बशावलो १ नह के पुत्र जो शेम हाम श्रौर था येपेत थे उनके पुत्र जलप्रलय के पइचात्‌ उत्पन्न हुए उनकी वशावली यह है ॥।




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now