विज्ञान परिषद का मुखपत्र | Vigyan Parishad Ka Mukhapatra
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
53 MB
कुल पष्ठ :
216
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)शहर विज्ञान [: श्रक्टूबर
का. थ् * श्पने स्थान से घनात्मक विभष की दिशा में 'चलेगा।
व गम पी न >> गई में इसे इलेक्ट्रान ( जो कि बंधे हैं । तथा क्रोड़ के
भ्ड “-.... शक्तियाँ प्रभावित करेंगी श्रौर इलेक्ट्रा श्रावतत बल
. क्षेत्र में इस प्रकार बढ़ेगा कि जैसे कि शुन्य स्थान में
_ बढ़ रहा हो । हाँ, उसके भार में कुछ श्रन्तर श्रवश्य
श्र जायेगा । यह बात बड़ी श्रजब-सी. प्रतीत
होती है कि इलेक्ट्रान एक मशिम के भीतर उसी
श्रासानी से चल सकता है जैसा कि शून्य स्थान में ।
परन्तु यह नितान्त सत्य है; क्योंकि इलेक्ट्रान तरंग-
- [2 न पान... यात्रंकी के नियमों का पालन करता है । श्रीर उसके
| न चलने की यह रीति एक वेब गाईड में विद्युत तरंग के
प्नितर शस्या- 3. पनपने के समान है ।
अब यदि एक नहीं बरन पर्याप्त संख्या में इलेक्ट्रान
इस श्रवस्था में जर्मेनियम मखणिम ऐएपक्कारी रहेगा; मशिम के श्रन्दर डाल दिये जाय, तो वे घोल के
क्यों कि कोई भी इलेक्ट्रान स्वतत्र श्रवत्था में नहीं होगा. ब्राउनियन कण के समान परस्पर टकरा कर मशिभ के
श्रौर विद्य त चालन में भाग नहीं ले सकेगा । य दे ऐसे. अन्दर बित्वर जायेंगे ।
मशिम पर विभव लगाया जाये तो चालन न होकर उनके चलने के माग॑ की रेखा चित्र सं ख्या--४ में
क्रोड़ तथा इलेक्ट्रान की स्थिति में विस्थापन श्रा जाता. दिखाई गयी है |
है श्रोर इस प्रकार मशिम में पारविद्यू/त श्ुरण होता
है जो विभव के हट जाने पर स्वयं समास दवा जाता है
और मणुपर में चालन क्रिया नहीं होती |
इससे पहले कि हम एक मशिम को चालक बनानें
की री'तयों का श्रध्ययन कर यद उचित होग कि हम
कुछ ऐसे इलेक्ट्रानों का श्रश्ययनकरे जो एक ऐसे ही
मशणिम में किसी प्रकार से डाल 'दये गये हैं । मान
लीजिए कि एक इलेक्ट्रान मशिम के श्रन्दर इस प्रकार
डाल दिया गया है कि मणिभ की श्रवस्था में कोई परिव-
तन न हो | जर्मेनियम का पार विद्युत नियतांक १६ होने 'चिन्न सद़य्या - ४
के कारण स्थिर विद्यत शक्ति १६ गुनी कम हो जायेगी |
ऐसी श्रवस्था में यदि इलेक्ट्रान में गतिज ऊजां नहीं दो इसकप्रकार इलेक्ट्रान की घनता अपनी पुरानी
तो वह श्रपने स्थान पर पढ़ा रहेगा जैसे कि शून्य स्थान... स्थिति से दूर दोने के साथ घटती जाती हे श्रौर इस
में हो । यदि श्रच इस पर विमव का प्रयोग किया जाये, . प्रकार से सिम में घनता प्रवणता विद्यमान दो जाती
तो य इलेक्ट्रान, श्ाकष्ण शक्ति के फल स्वरूप दे । चित्र संख्या ५ (श्र में यह स्पष्ट झंकित है
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