ग्रीस और रोम के महापुरुष | Grees Aur Rome Ke Mahapurush

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Grees Aur Rome Ke Mahapurush by डॉ० भगवान दास - Dr. Bhagawan Das

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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ग्रीस और रोमके महापुरुष । ः १--थीसियस 2: सियस कई बातोंमें रोसुलससे मिलता-जुख्ता था । दोरनोकी उत्पत्ति ऐसे व्यक्तियोंसे हुई थी जो 4 3 ई आर थी $ विचाह-सम्बन्धर्मे नहीं वैँधे थे । इनके चंश जादिका ६ करे भी निश्चित पता नहीं चलता । इन कारणोंसे (के २ थे न्य अर इड साधारणता लोग इन्हें देवताओंसे उत्पन्न मानते हैं । शारीरिक वठके ही अनुरूप इनसे मानसिक बछ भी था । एकने रोमका निर्माण किया, दूसरेने भर्षेज़को बसाया-- आर यही दोनों संसारके सर्वप्रसिद्ध दो बड़े नगर है । खियोंके अपहरणका दोप दोनॉपर आरोपित होता है; दोनों ही घरेदू आपत्तियों तथा पारस्परिक ट्वेपके शिकार हुए हैं और जीवनके अन्तिम दिनोंमें दोनॉंको ही अपने देशवासियोंका क्रोघ-भाजन बनना पड़ा । थीसियसकी व शपरंपरा इरेस्थिजस तथा एटिकाके सवंप्रथम निया- सियॉंसे आरंभ होती दै । उसकी साता पेटॉप्सके वंदामे टरपल्न हुईं थी जो पेडॉपनेससके सभी नरेशोसि शक्तिशाली माना जाता है । कारण यट् यतलाया जाता है कि उसके पास विशाठ सम्पत्ति तो थी ही, उसने अपनी रूड्कियोंकी शादी भसिद्ध पुरपेकिं साथ करके अपने लडुकोंको भी आस पासके प्रधान राज्योंमि सर्वोध्च पदपर प्रतिष्टित करा दिया था। उसका एक खदका पीथिजस ट्रोज़नीनियनोंके एक छोटे नगरका शासक था । यद चुपने कासका स्ंप्रसिदध विद्यान्‌ और बढ़ा घुद्धिमान्‌ मनुष्य समझा जाता था ।




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