सिंघी जैन ग्रन्थमाला भाग - 1 | Singhi Jain Granthamala Bhag -1
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
10 MB
कुल पष्ठ :
168
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)१.
म्लेच्छपतिना सदद मत्रिणो मेत्री १०३
अनुपमाया ओदायेवर्णनसू «-...... १०४
वीरघवल-लवणप्रसादयो। पश्च-
ग्रामसडमवर्णनम . .. १०४
अनुपमाया मरणे तेजःपालस्य
शोकबतमू ... १०५
चस्तुपालस्य सत्युदत्तम् . . . १०५
पश्चम: घ्रकादा: ॥
प्रकी णेकप्रबन्धः १०६-१२८
विक्रमपात्रपरीक्षाप्रबन्धः १०७
नन्दप्रबन्धः १०७
मछवादिप्रबन्घः इक करर १०७
शिलादित्योत्पत्ति-रज्ञोत्पत्ति-बल-
भी भड़ प्रबन्ध कक - कर १०८
पु्नराज-तत्पुत्री श्रीमा ता प्रबन्ध: २१०
गोवद्धननूपप्रबन्ध। -.... ... १११
पुण्यसारप्रबन्धः / ००... ०» १११
कर्मसारप्रबन्घः . . - ११२
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लक्ष्मणसेन-उमापतिधरयोः प्रबन्धः.. ११३
जयचन्द्रप्रबन्थ! दर ११४
तुन्ञसुभटप्रचन्घः २९७
परमर्दि-जगदव-एथ्वीपतीनां प्रबन्धः... ११८
कोझ्णोत्पत्तिप्रबन्ध। « . « ११८
वरादमिद्रिप्रबन्घः ११९
नागाजुनोत्पत्ति-स्तम्भनकती थीव-
तारप्रबन्ध! . . « १२०
मठेदरि-उत्पत्तिप्रबन्धः « . « १२१
वेद्यवारभटप्रबन्ध: १२२
सेत्राधिपोत्पत्तिप्रबन्धः . . १२३
वासनापध्रबन्ध «० « श्२३
कपाणिकाप्रबन्धः १२३
जिनपूजायां घनदप्रबन्ध! २२४
ग्रन्थकारस्य प्रदयास्तिः १२५
परिदिष्टम--कुमारपालस्य अहिं-
साया विवाहसम्बन्घप्रबन्धः १ २६-२१ २८
प्रबन्धचिन्तामणे: पाजुक्रमणिका ... १२९-१३६
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