प्राच्य - शिक्षा रहस्य | Prachya Shiksha Rahasya
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
21 MB
कुल पष्ठ :
217
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(१० ) प्राच्य-शिक्षा रहस्य ।
दो पात्रों में जल रक्खे जत्र तक हस्त पादादि सृत्तिका से
प्र्षाल्न न करे तब तक मुखप्रक्ञालन का जल न छुए |
उच्चारे मेथुने चेव प्रस्रावे दन्तधावने |
भोजने ध्यानकासे च पट्सु मौन समाचरेत् ॥।
मल मूत्र त्यागती बेर; मेधुनकाल, दन्तघावन के समय,
मोजनकाल, सन्ध्यासमय में मोनज्रत धारण करें । प्रतिपढ,
मी, चतुद्शी के अतिरिक्त नित्य दन्तघावन करे अंगुली से
दन्तघावन करना निषिद्ध है झनम्तर पोडश गणडूप से मुख, जिद्मा
प्रशालन कर निम्न लिखित प्रातःस्मरणीय मन्त्रों का पाठ करें ।
आआदित्यस्थ नमस्कार ये कुवन्ति दिने दिने ।
जन्मान्तरसहसेषु दारिक्रब॑ नोपजायते ॥
प्रातःरस्मरामि रघुनाथमुखारविन्दं मन्दस्मितं मघुर
भाषि विशाल भालम् । कशोवलम्बिचिलऊुणडल-
शोभिंगणडं कणान्तदीघनयनं नयनाभिरामम् ॥
नह्या मुरारिखिपुरान्तकारी भातुः शशी शमिसुतों
बुघश्र । गुरुश्र शुक्रः शनिराष्ट्रकेतवः कुवेन्तु सर्वे
हु ६»,
मम सुप्रभातम् ॥ मुगुवंसिष्ठ कतुर्िरश्च मनु
पुलस्त्यः पुलहश्च गोतमः । रग्यो मरीचिश्च्य-
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