लेखांजलि | Lekhanjali
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
28.02 MB
कुल पष्ठ :
207
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about महावीर प्रसाद द्विवेदी - Mahavir Prasad Dwivedi
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)२--भ्राचीन कालके मर्यंकर जन्ठ । न णिदिया भृगर्भविदया खनिजविद्या कीट-पतड्विद्या प्रा झ आदि जितनी प्राकृतिक विद्यायें हैं उनका अध्ययन हिं कई करनेके ठिए प्रयक्ष अनुमवकी बड़ी आवश्यकता होती है। केवठ पुस्तकॉंके सहारे इन विद्याओंका अध्ययन अच्छी नरह नहीं किया जा सकता । इसीसे प्रत्येक देशमें अजायबघर और पुराणवस्तु-संप्रदाल्य स्थापित किये जाते हैं। कढकत्तेमें भी ऐसे मजायववर सौर संम्रहाल्य हैं । ऐसे संप्रद्लयोंमें अध्ययनशीरों के सुभीतेके छिए सिन्न-मिन्न विद्या-विभागोंसि सम्बन्ध रखनेवाले पदार्थों- का नया-नया संग्रह दिन-पर-दिन बढ़ता ही रहता है । एगण-वस्तु-संप्रहाख्योकि प्राणिविद्या-सम्बन्धी विभागमें प्रायः सभी जीव-जन्तुओंके शरीरों मोर भूगर्भ-दिद्या-विशारदोंके द्वारा आविष्कृत प्राचीन समयके जीव-जन्तुओंके कट्ठांका संग्रह किया जाना है । परन्तु प्राचीनकाठके जन्तुओंके कट्ठाठमात्र देखनेसे
User Reviews
No Reviews | Add Yours...