समुद्री तूफान | Samudri Toophan

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Samudri Toophan by राजेन्द्र कुमार - Rajendra Kumar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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समुद्री तूफान को शुरूआत 0 17 लेकिन इन हुवाओं को बढ़ावा देने वाला एक और भी बल होता है जो चक्ना- कार हवाओं को जन्म देता है। उस बल को “को रिओली का बल” कहते हैं । यह बल पृथ्वी पर स्थित सभी गतिशील वस्तुओं की स्वाभाविक दशा बदलने की कोशिश करता हैं। इसी बल के कारण कम वायुदाब वाले क्षेत्र से आ रही तुफानी हवाओं को यह बज उलटी दिशा में घुमा देता है । इसका नतीजा यह होता है कि एक तो कम दाब के कारण उत्पन्न हुआ आकर्षण उसे क्षेत्र के मध्य की ओर खींचता है और दूसरी तरफ कोरिओली का जिद्दी बल बराबर उसे विपरीत दिशा में खींचे जाता है । इस प्रकार वायु न तो मध्य क्षेत्र में जा पाती है और न पुरी तरह विपरीत क्षेत्र में। वह दोनों बलों के बीच में मध्य में न घुसकर चक्नाकार रूप में घूमती रहती है । उसका साथ देने आ जाते हैं बादलों के समूह भौर वे भी हुवा के साथ चवकर काटने लगते हैं। इस प्रकार चक्रबात हवाओं का जन्म होता है। यह उल्लेखनीय है कि दक्षिणी गोला में 'कोरिओली का बल' वायु को बाई ओर घुमाने की कोशिश करता है और उत्तरी गोलाद्ध में इसके विपरीत ।




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