भारतेन्दु काल तक भाग - 1 | Bharatendu Kal Tak Bhag - 1
श्रेणी : साहित्य / Literature
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
226
श्रेणी :
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about धर्मेन्द्रनाथ शास्त्री - Dharmandranath Shastri
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(
मंडी, चम्बा होते हुए पश्चिम से कश्मीर की भदरवार जागीर तक
पश्चिमी पदारी वोलियाँ फली हुई हैं । इसमें जौनहारी, कुडली,
चंवाली छादि छलेक विभाषाएँ है। ये टकरी अथवा चक्करी लिपि,
म॒ लिखी जाती हद | पर
पूर्वी टंदी-इसे हिढी का पूर्वी विस्तार कह सकते है पर इस
भाषा में इनने बहिरंग सापाओं के लक्षण मिलते हैं कि इसे पे
बिहारीक भी कद्दा ना सकता है। यही एक ऐसी सध्यवर्ती भाषा हू
जिसमे वहिरंग भाषाओं के अधिक लक्षण मिलते हैं। यदद हिंदी ओर
विद्दारी फे मध्य की भाषा हैं। इसकी तीन विभापाएँ हैं--अवधी,
चली और छत्तीसगढ़ी । अवधी को ही कोशली या बेसवाड़ी कहते
£ | वास्तव मे दक्षिण पश्चिमी झवधी ही चेसवाडी कही जाती है ।
पूर्वी हिंदी नागरी के तिरिक्त करथी में भी कभी-कभी लिखी मिलती
₹ | इस भाषा के कवि हिन्दी-साहित्य के मर कवि है. जंसे तुलसी
वर जायसी |
चद्रिंग भापाएं--इनका सच से बड़ा भेद यदद है कि मध्यदेश की
सापा रर्थाव शिंदी की झपतक्ता ये सच ाधिक संदृतिप्रधान हैं । हिन्दी
की स्थना सबधा ब्यवदति है पर इन चट्रिंग भापाद्ं मे संहति-रचना
थी सिलती है । व ब्यवद्ति से संदुति की शोर रही हैं । मध्यवर्ती
सापाओं से चल पी हिंदी से छुए संदति पाई जाती है ।
लदेदा नया पश्चिस पंजाब की भाषा हैं, इसी से कुछ लाग इस
पाचमी पंजाबी सी कहा बारते ऐ। यहू जटकी, च्छ
नगुद्धि नाम नरमी पुदारी जाती र ' चुल्छ विद्वान इस लहेंदी भी कहते
7 पर लॉँदा ता संज्ञा है। इ-त उसका स्ट्ील्ि नहीं हो
ककया ला
दर
जी
प्
4
मु
-थ
पक एएलएलटटएटपलएटटटटलटलटएटकटपयलकनलधल००८
* शघमासक, चर हुए अलुनाद ्घनदितारा हैं. पूर्दां वही प्रच न काल
दर कक हि हु दर थे हि
१ * प्मागरा पान मे सब से है, बेल जाती था । प्टान देने वो दान हैं कि
अत ही श्द च | कं बज क ही द्
कप न्द द् मर घादद दा ग्रे द्ाघम राय बा द सूट
एप
उसी
सर ऊउचा स्थान रद्द
९ + कक,
न सम्प्ददश ब सपाहो राय काना गह।
ही
User Reviews
No Reviews | Add Yours...