श्री भंवरीलाल बाकलीवाल स्मारिका | Shri Bhanvarilal Bakalibal Smarika

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Shri Bhanvarilal Bakalibal Smarika by इन्द्रलाल शास्त्री विद्यालंकार - Indralal Shastri Vidyalankar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पिता का श्रनुकरण कर यशस्वी बनें घर्मरक्षा में तत्पर विद्वानों के हितथवितक सेवा कार्य के सहयोगी भावी यात्रा का संकल्प सौम्यमुर्ति उनका जीवन स्वच्छ श्रौर निर्मल था वे महान क्मठ सत्पुरुष थे श्रनमोल रत्न करनी करके चले गये वे सच्चे धर्म प्रारा सत्पुरुष थे श्रादर्श व्यक्तित्व देदीप्यमान तारा भ्रस्त आादश मानव धर्म के उदीयमान सेवक समाजोद्धार की चिन्ता में लीन श्री सेठ मंवरीलालजी के कर कमलों में सादर समर्पित श्रभिनन्दन पत्र अभिनन्दन पत्र दाम्पत्य सुयोग भी परमवैभव महासभा के प्रतिभा संपन्न उदारमना रक्षक विनज्न श्रद्धासुमन भ्रद्ितीय प्रतिभा के घनी असीम गुणपुज गांठ से श्रनमोल रत्न खुल गया ममतापुर्णें कृपा के धनी एक श्रद्वितीय महापुरुष दि० जैन समाज लाडनू पड श्री मिश्रीलाल पाटनी लशकर मोड श्री बाबूलाल शास्त्री दिल्‍ली पद श्री सीताराम केड़िया महामंत्री, मारवाड़ी रिलीफ सोसाइटी, कलकत्ता ८४ श्री नरसिहलाल बियाणी इंफाल ८६ श्री एस. गोस्वामी पीलीभीत ८ श्री श्यामसुन्दर जयपुरिया दि पं० वर्धमान पा््ब॑नाथ शास्त्री सोलापुर ८७ पं० हुकमचन्द शास्त्री श्री महावीर जी ८७ श्री ज्ञानचन्द जैन गंजवासीदा पद पं० भ्रमोलक चन्द उडेसरीय इस्दौर ८ पं० परमानन्द शास्त्री सं ० अ्नेकांत दिल्‍ली... ६० श्री कपिल कोटडिया सं० जैन शासन हिम्मतनगर ९१ श्री रूपचन्द साहित्य शास्त्री २ श्री मिश्रीलाल शाह शास्त्री लाडनू' २ पं० राजकुमार शास्त्री निवाई २ समस्त दि० जैन समाज शोलापुर ३ जैन समाज पपौरा ९६ थी सुमतिकुमार जेन ७ पं० तनसुखलाल काला बम्बई ८ श्री गनपतराय सरावगी गौहाटी जज श्री मांगीलाल सेठी, इम्फाल जु श्री हरखचन्द सरावगी, कलकत्त। जु अ श्री शिखरीलाल गंगवाल, लाडनू: १०० श्री राजकुमार बगड़ा, लाइनू' १०० श्री कल्याणदत्त शर्मा, रींगस १००




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