लोक जीवन और परम्पराएं | Lok Jeevan Aur Paramparein

55/10 Ratings. 1 Review(s) अपना Review जोड़ें |
Lok Jeevan Aur Paramparein by श्री बंसीलाल वर्मा

लेखकों के बारे में अधिक जानकारी :

डॉ बंशीराम शर्मा - Dr. Banshiram Sharma

No Information available about डॉ बंशीराम शर्मा - Dr. Banshiram Sharma

Add Infomation AboutDr. Banshiram Sharma

मौलूरामठाकुर - Mauluram Thakur

No Information available about मौलूरामठाकुर - Mauluram Thakur

Add Infomation AboutMauluram Thakur

सरोज संख्यान - Saroj Sankhyan

No Information available about सरोज संख्यान - Saroj Sankhyan

Add Infomation AboutSaroj Sankhyan

पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

(Click to expand)
4 वरण में शिक्षा प्राप्त करके आए भ्रंग्रेज अधिकारियों की रुचि यहां की बोलियों रीति-रिवाजों मेलों त्यौहारों तथा लोकसाहित्य के विविध रूपों के ज्ञानाज॑न की श्रोर प्रवृत्त हुई । यह निष्कर्ष इस विषय पर हुए कार्यों के ऐतिहासिक विवरण से स्वतः सिद्ध होता है । भारतीय लोकवार्ता के संकलन संपादन तथा प्रकाशन का शझ्रारंभिक कार्य कर्नल टॉड द्वारा किया गया । ऐनलूस एण्ड ऐंटिक्वीटीज आव राजस्थान लोकवार्ता अ्रनुसंवान क्षेत्र में मील पत्थर है । तदनंतर जे० ऐक्ट सर रिचडं टेम्पुल सर ग्रियसंन विलियम क्रक श्रार० एम० लाफमेस ई० थसेंटन डब्ल्यू० डी० डेग्स आदि दिद्वानों ने दक्षिण भारत राजस्थान पंजाब बंगाल तथा उत्तरभारत के विभिन्‍न जत- पदों की लोकसंस्कृति के संग्रह संपादन तथा प्रकाशन की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जो भारतीय विद्वानों के लिए प्रेरक एव मागें दकक सिद्ध हुई । भारतीय विद्वानों में लोकसाहित्य के क्षेत्र में काय॑ करने वालों में तारूदत भ्रग्रणी हैं। तन्पदचात लालबिहारी डे नरेश शास्त्री दिनेदाचन्द्र सेन दारदचन्द्र राय सूय कररण पारीक भवेर मेघाणी रामनरेदा त्रिपाठी देवेन्द्र सत्यार्थी डा० वासुदेव शरण अग्रवाल बनारसीदास चतुर्वेदी. डा० सत्येन्द्र डा० इ्याम परमार आदि विद्वानों द्वारा विभिन्‍न क्षेत्रों में इस दिशा में स्तुत्य कार्य करने के संकेत मिलते हूँ । कालांतर में हिन्दी की विभिन्‍न बोलियों-गप्रवधी ब्रज राजस्थासी भोजपुरी बघंली छत्तीसगढी हरियाणवीं पंजाबी झ्रादि में संकलन 1-डा० कृष्णदेव उपाध्याय लोकसाहित्य की भूमिका । 2-हिन्दी साहित्य का वृहत्‌ इतिहास भाग-16 तथा वही. 3-वही. 4-वही.




User Reviews

No Reviews | Add Yours...

Only Logged in Users Can Post Reviews, Login Now