हुकुमचन्द अभिनन्दन ग्रंथ | Hukum Chand Abhinandan Granth
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
18 MB
कुल पष्ठ :
448
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
No Information available about श्री सत्यदेव विदधालक्कार - Shri Satyadev viddhalakkar
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)(७)
जुटाने और दौदुघूप करने में ““जेन गजट”” के प्रकाशक पश्डित बाबूलालजी शास्त्री का सहयोग '्त्यन्त सराह-
नीय रहा ।
अधिकतर सामग्री का संकलन तो इन्दौर से ही हुआ है । उसको जुटाने में मैयासाहब श्री राजकुमार-
सिंहजी, सेठ हीरालाकजी साहब, स्वयं अयन्ती समारोह के स्वागताध्यक्ष सेठ भंवरलालजी सेटी, संस्थाओं के
मस्त्री लाला इजारीलालजी, सेक्र टरी बाबू बसन्दी ज्ञालजी कोरिया, श्री हुकुमचन्दजी पाटनी, श्री रतनलालजी
सोनी झ्ौर वयोडूद्ध वैद्वर पश्डित ख्याज्लीरामजी दिवेदी के नामों का उल्लेख कृतज्ञता के स्गथ किया जाना
शवाहिये । पूज्य गांधीजी और महामना मालवीयजी के साथ के पुराने चित्र द्विवेदीजी से ही प्रप्त हुये है' । आप
भी इन्दौर के सार्वजनिक धार्मिक जीवन के प्राण है' । इन्दौर के श्री हरेन्द्रनाथ शर्मा श्र ग्वाछ्तियर के श्री
आओमप्र काश शास्त्री को सद्दायता का उल्लेख करना आवश्यक हे । जिन चित्रों से इस अ'थ में जीवन ढल्न सका
है, उनको नया रूप देकर अर थ के योग्य बनाने का श्रेय है इन्दौर के स्टडी स्टुडियो के मालिक श्री पाण्ड्या की
मेहनत को । उनके हम हृदय से भारी है' । इन चित्रों में सेठ साहब के ब्यापक जीवन की छाया देने का और
संस्परणों तथा श्रद्धांजलियों में श्रापके चरित्र को अंकित करने का जो प्रयरन किया गया है, वह इस ऑअ्रथ की
अपनी ही विशेषता है । अन्य ऐसे प्र थों में ऐसा नहीं किया गया है ।
दिल्ली में ब्लाक बनाने में पंजाबी प्रेस, टाइम्स आफ इण्डिया प्रेस श्रौर सबसे बढ़कर दिगम्बर आटे
काटेज का सराहनीय सहयोग रददा । मुद्रण में हिन्दी प्रिंटिंग प्रेस. जयन्ती प्रेस और न्यू हृद्डिया प्रेस का
सहयोग प्राप्त हुआ । इन सबका भी झाभार मानना झावश्यक है । जिल्द बंधाईं का श्रेय श्री सुरेश एण्ड
कम्पनी को है, जिन्होंने सप्ताह से भी कम समय में जिल्द बंधाई करके चमत्कार*ैकर दिखाया है । प्रूफ पढ़ने
में दी गई सहायता के लिये हिन्दी प्रिंटिंग प्रेस के श्री राममूर्ति श्रप्रवाल आऔर न्यू इश्डिया प्रेस के पणिडत
शान्तिस्वरूप वेदालंकार के भी हम झाभारी है ।
क्षमायाचना उन महानुभावों से हैं, जिनकी सामग्री का उपयोग हम कर नहीं कके । कुछ लेख तो श्वस्य-
घिक लम्बे, अस्पष्ट, पेन्सिल से लिखे होने के कारण काम में नहीं श्रा सके । समय को कमी के कारण प्ृथ्ठ-
संख्या बढ़ाकर भी बवी हुई स।मग्रो का उपयोग कर सकना संभव नहीं हुआ । कुछ सामग्री तो श-६ मई नक
प्राप्त हुई है । ऐसे सब महानुभावों से एक बार फिर विनीत भाव से क्षमा-यायना है ।
महासभा कार्यालय, --सम्पादक समिति ।
नई सड़क, दिल्ली
मंगलवार ८ मई १४११
User Reviews
No Reviews | Add Yours...