समयसार कलश टीका | Raj Maliya Kalash Tika

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Raj Maliya Kalash Tika  by ब्रह्मचारी सीतलप्रसाद जी - Brahmchari Seetalprasad Ji

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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पृष्ठ. आर... मेहुद हा १३ डे पे ४.० पेड गे पेट कै ४९, कि १५८ १६९ १६३ पे ४ १६६ १६९ गे७२ ८३ १८४ १८५ १८६ पथ भव १९५६ पै७ ८ गे २०४ र०५ श्र न्श्‌ ् दे ५ ८ गे गैध ग् १९. ६ १९, बे २५ १९ न ६ हक थ १७ रेप ग् २८ ११ च्च 4 गे २२. पे न व का कु. शुद्ध... . पृष्ठ लक चल कुछ .. करिं संकाय... कहीं सकाय | २०७... ४ मेभेकी मेषढों जातिपऩीं _ जीतिपनो |. ,,.... ५. मोहीस्ॉतीहॉसीं मोहीसोरन तोहीसिक जीनराशी जीवराझि | २०८. ९५ पूर्ण जानें पूणणी हारक नीतिंपरनों जीतिपनी | २०१ १४... मेक्शानकरि'.... मेंदशानकरि एदता यश्ता | ९११ 1१९ पोरी पीरी ठिथि थिति.. | ११३४... ४... आपनसीछी..... व्यफाशीली वहुहि बहुरि | २१५ दों पर दोष कह कद २१९७ ९ थे प्बग लक्षण एन लक़ाजद रामका लाभ लाभ या अलाब | २१९ १७ पतजय परजाब मे बोगी है योगी ». २५... पहल पृरणा.... चुज़ल वर्ग! उदय भायो.... उदय आपो | २२०. २१ अंतीय मवतीक् मरम मरम.... मरम मरण | १२३. ४ जडुभी भडुवी - मरिं चूनो मरि चूर्ण | २९६ ११ अम्क्श शर्का तुपयोग: त्युपमोग: | २९८... ५ कर्लूत्व कर्तत्व साग्री सामग्री | ,;.. स्वाभावों स्वभाव परेश्ों परसों 3 मिष्वात्व मिथ्गत्व प्रमेमत: ममेत्यत: | २९९ २५ परकामना परकासना विरीजने विराधघने | २३० ८ गणदेवांह गणबरदेवाँद अर॑जऋ रंजक | २३१ १६ उयादि इयादि फललिप्पु: . फललिप्सु: ना | १३३. २८ सुद्धिणे सुब्धि ण यानी ग्यानी | २३४. २७ कतु रक्त गढ़ मूह | २३८४ 1१५ कृति: श्रुति: परपोष पदोध | २४० 3३२. चारित्र मोह एक. चारित्रमोहका गज़ेंभणेन उजभणेन ! रेर ९. १ घाव पाबे बनमें पुन . 9... २९, जअंजरनि जंजीरनि परम भरम | २४४ १६ मुिवदात: .... युक्तिवदत: रठोठी कूठोती #.. हे? देह देय निवाऊँ जिवाऊँं | २४७. ९२२ विचरे विधारे कसमति करामात | २५१... ६ जेनोंके जीवों के कहही करता श५४. १९, बोध्ये चोद यत्प्रमावत्‌ बलाभावात ; २५६ १२ सथ्यग्दष्ी सम्पग्दी स्त्रभावकों स्वमधि २५०... ७ त्वक्त। व्यक्ता सं चुके सकुखे । २०८ २२ कइयो कह्यो [| धृूदे , २६९. ६ पुदठज्ञान शुद्ध ज्ञान भसूझत भरूसत | २६६. ६... कोब्र लहे कोसक है (१)




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