दादू दयाल की वाणी खंड दो | Dadu Dayaal Ki Bani Part 2

Daadu Dayaal Kii Baanii   Dvitiiy Bhaag by दादू दयाल

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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४ सूची पत्र शब्द राम बिमुख जग मरि मरि जाइ राम विसारथधो रे जगनाथ राम मिल्या यूँ. जानिये ली राम रमत देखे नहिं कोई राम रस मीठा रे राम राइ मा के श्रचिरज आये राम सँभालिये रे राम सुख सेवग जाने रे मिली राम सुन न विपति हमारी हे रे मन गोबिंद गाइ रे गाइ रे मन मरणे कहा डराई रे मन साथी माहरा ल लागि रहो मन राम से सर सइयाँ तूँ है साहिब मेरा न संग न छाड़ों मेरा पावन पीच सजनी रजनी घटती जाइ सतयुर चरणा मस्तक घरणा सतसंगति मगन पाइये सदगति साघवा रे संता श्रोर कहो क्या कहिये संता राम बाण माहि. लागे मिट सन्मुख भइला रे तब दुख गदला रे ... सबद्‌ समाना जे रहे सब हम नारी एक भरतार मिलन समर्थ मेरे सॉइयाँ ३३ पु रथ श्द् ६८ 3८ ७




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