वास्तुसार प्रकरण | Wastusar Prakaran
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
9 MB
कुल पष्ठ :
292
श्रेणी :
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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)विषय
चासुपूज्यजिन और उनके यक्त यक्षिणी
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अनंतजिन
घर्मनाथ ... ,;
झांतिनाथ
कुंथुजिन तह 35 35 हक
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नमिनाथ
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सोलह विद्यादवियों का स्वरूप *
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जयबविजयादि चार महा प्रतिहारी देवियों
का स्वरूप
दस दिकपालो का स्वरूप
सव प्रो क। स्वरूप
क्षेत्रपाठल का स्वरूप
माणिभद्र क्षेत्रपाठ का स्वरूप
सरस्वती देवी का स्वरूप
प्रतिछादिक के मुहुत्त
संचत्सर, अयन और मास शुद्धि
तिथियुद्धि थ
सूय और चन्द्र दर्घा तिथि.
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विषय
प्रहो का मित्रबठ
ग्रहो का दृष्टिबछ
प्रतिष्ठा, शिलान्यास और सूत्रपात के
नच्त्र
प्रतिधाकारक के अशुभ नक्षत्र
बिम्बघ्रवेद नक्षत्र
नच्तत्रो की योनि
योनिवैर और नक्षत्रो के गण '
राशिकूट और उसका परिहार ''
राशियों के स्वामी
नाडीकूट और उसका फल... '
तारायल कं
वर्ग बढ
लन देन का विचार
राशि आदि जानने का शतपद चक्र
तीर्थकरो के जन्मनक्तत्र और रादि
जिनेश्वर के नर्चात्र जादि जानने का
प्वक्र *
रवि और सोमवार को झुभाझुभ योग
मंगठ और बुधवार को शुभाझुभ योग
गुरु और शुक्रवार को शुभाझुभ योग
शनिवार को झुभाधुभ योग
झुभाझुभयोग 'चक्र
रवियोग और कुमारयोग
राजयोग, स्थिरयोग, बऊपातयोग
काछमुखी, यमठ, त्रिपुष्कर, पंचक
और अबढा योग हे
मूत्युयोग
भट्टुभ योगों का परिद्ार
पृचाक
१८०
१८१
१८२
१८२
श्र
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श्ट्षे
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२०२
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