सौभाग्य लाड़ला नेपोलियन | Saubhagya Ladla Nepolian

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Book Image : सौभाग्य लाड़ला नेपोलियन  - Saubhagya Ladla Nepolian

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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१० सोभाग्य-लाइला नेपोलियन पतन आरंभ होता है ) दूसरा काम नक़शा देखना है । वह नक़शे! को अपनी स्सृति से सुधार रहा है ओर कभी-कभी अपने सुं ह से अंगूर का छिलका निकालकर और उसको अँगूठे से नक़शे पर दबाकर सेना के मोर्चों के निशान बना रहा है उसके सामने लिखने का सामान भी है, जो खाने की तश्तरियों और प्यालियों के बीच बिखरा पड़ा है । वह खाने और नक्शे में इतना मशगल है कि उसके लंबे बाल कभी सिरके में और कभी खाने में सन जाति हैं । जोजफृ--क्या सरकार ? नेपोलियन--( नक़शे पर ध्यान जमोए कितु श्ादत के सुताबिक़: बाएँ दाथ से खालेन्खाते ) बोलो मत । काम में हू । जोज़फू--( पूणणं प्रसन्नता से » सरकार, जो आज्ञा । नेपोलियन--थोड़ी लाल रोशनाइ। जोज़फू--अफुसोस ! सरकार, बिलकुल नहीं है । नेपोलियन--( स्वाभाविक विनाद से ) किसी को मारकर उसका खून ला दो | जोज़फू--( दाँत बिचकाकर )कोई भी तो नहीं है ; सिवा सर- कार के घोड़े, संतरी, सराय में ठहरी हुई स्त्री और मेरी पत्नी के ) _ नेपोलियन--झअपनी पत्नी को मार डालो । जोजफू-ख.शी से; सरकार; पर दुर्भाग्य से मुकमें काफ़ी ताकुत नही है । वह उल्टा मुझे मार डालेगी । नेपोलियन--तो तुमसे भी काम अच्छी तरह चल जायगा




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