सरल भौतिक शास्त्र | Saral Bhautik Shashtra

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Book Image : सरल भौतिक शास्त्र  - Saral Bhautik Shashtra

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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६ सरल भोंतिक झास्त्र के ऊपर का भाग खाली हो जाता है । इस घटना का क्या कारण हो सकता है? इसका तात्पयं यही हो सकता हैं कि द्रव गम होने पर फेलता है और ठंढा होने पर फिर सिकुड़ जाता है । प्रयोग ३--किसी धातु की एक साधारण छड़ लो । इसको मेज पर दो बराबर बराबर लकड़ी के टुकड़ों पर चित्रालुसार घरातल के लि तीकः ब७. ् ८ दर कक ्च्य शशि किन ना 1 री चित्र १--ताप से धातु के छड़ का प्रसार । समानान्तर रक्‍्खो । छुड़ को एक ओर लगा कर एक ऐसा भारी बाट रख दो जो आसानी से न हिल सके जिसकी ओर छुड़ न सरकने पावे श्र दूसरे सिरे के नीचे काठ ही के टुकड़े पर घरातल के समक्ष छड़ के साथ एक समकोण बनाती हुई सूइ रख दो सूइ के सिरे पर जो काठ के टुकड़े से बाहर निकला होना चाहिये एक सींक लगा दो जो सूइ से समकोण बनाती हुइ ऊध्वोघार खड़ी रहे। अब घातु के छड़ को गम करो झीघ्र ही देखोगे कि छड़ बढ़ने लगता है । सूइ बेलन की नाई लुढ़क कर आगे को खिसकने लगती है । अब यदि छड़ के नीचे से लैस्प हटा लो तो फिर देखोगे कि सूइ अपने निज स्थान पर आ जाती है और तिर््ी सींक फिर सीधी हो जाती है । इस प्रयोग से यह प्रत्यक्त है कि छड़ तप्न होकर सूइ की ओर फेलने लगता है क्योंकि दूसरी शोर फंलने का अवकाश नहीं रक्‍्खा गया और ठंढा होकर फिर संकुचित हो




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