विविध जैनतत्त्व विचारमय जैन हितबोध | Vividh Jaintattva Vicharmay Jain Hitbodh
श्रेणी : जैन धर्म / Jain Dharm, धार्मिक / Religious
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लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
12 MB
कुल पष्ठ :
330
श्रेणी :
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लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)श्री विश्वेशवन्द !
न...
विविध जेनतत्व विचारमय
चर बच कम,
॥ हे 3
नच छिंचवोध,
( दिदी-भापालुबाद समटेकृत! )
ब्किडि न
वश्तुनिदेशात्मक मेगलाॉचरण,
( दोहरा-छंदू, )
अर्ग अनादि अन्यक्त मु, चिदानंद चिट्रप;
िन्दक चरनसरोगमे, नमत सदा सुरभूप, प्
तिन्दकों छुमिरन करि लिखुं, दिंदि जन हितवोध;
पियें पाठक नित मति, तजि मततत्व विरोध, न
सार सार सब संग्रहो, तजिके दोष तमाम;
लीजें परमानंदमें, अलुभों सुख अभिराम-
मै
न्डाा न प ह्_
श्री बीर प्रथा निवान और अपना कत्तव्य,
' दुपेन्र; गदर और थोगीष्द्रकि परमभपूजय चरम वीर्थकर श्री
क५_ की # ७ €१ #११५, ही च्पह
मन वीराधिवीर महावीर प्रशुजीने उत्छष्ठ थोध और तपके बसें
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