नमस्कार महामन्त्र | Namskar Mahamantra
लेखक :
Book Language
हिंदी | Hindi
पुस्तक का साइज :
4 MB
कुल पष्ठ :
170
श्रेणी :
हमें इस पुस्तक की श्रेणी ज्ञात नहीं है |आप कमेन्ट में श्रेणी सुझा सकते हैं |
यदि इस पुस्तक की जानकारी में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से सम्बंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उसे यहाँ दर्ज कर सकते हैं
लेखक के बारे में अधिक जानकारी :
पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश
(Click to expand)रस प्रकार हमने जाना लि यह महामन्त्र हमाग परम उपकारी,
सिद्धि दाता है। अन्य मन्त्रो में जहा एक विशिष्ट शक्ति होती
* बहा इस महामन्त्र में चारो विशिष्ट शक्तियां है -
7 टुवाकर्षण शक्ति ! 3 लक्ष्पी आह्वान शक्ति ।
2 कर्म चिकर्पण शक्ति। «४ रोग निवारण शक्ति ।
यार जनों ठा सार्वभौम मागलिक मन्त्र सम्प्रदायवाद की सभी
वढद्ररताओं में दूर, जैन एकता का प्रभावी सूत्र है। यह
अलीविकता वी ओर ले जाने वाला मन्त्र है। यदि कोई इससे
पृत्र, घन, प्रतिष्ठा मागता है तो वह इस महामस्त्र की आशातना
वग्ता दी । या मस्त्र वीतगग मन्त्र, परमेप्ठी मन्त्र तथा नवकार
मन्य्र के स्प में सम्पूजित रहा है।
एक दिन स्वामी रामकृष्ण में विवेकानद, से कहा -- मा से
वृष माग क्यों नहीं लेते * विवेवानद में कहा - गुर्देव । मै
जाते समय वुछ जरूर सोचता हू पान्तु प्रार्थना में बैठने के बाद
भागने वी वात विल्तुल भूल जाता हू। उस अवस्था पर पहुचने
मे वाद कोई वामना दोष ही नहीं रहती। भीतर से भर जाता
६। गमपृण्ग योले, चस, तेरी पार्थना सिद्ध हो गई।
मप्र का जाप व्यक्ति को ससार से विमुख नहीं करके ससार
५. प्रति, ससार दे दार्तव्यी के प्रति जागरूक करता है। बिखरी
सित्त-गत्तियों वो एकाग्र बरता है। आवश्यकता है कि हम मंत्र
दी गपना सो, उसये विज्ञान को समझे । मंत्र की महिमा गाने
से भर सिंद नहीं होता । मत्र-सिखि वे लिए चाहिए मत्र-रचना
जो, मय्र-गरीर वा, मत्र वी ध्वनि और स्वरों का पूरा ज्ञान।
हम मद्र दी नहीं, सहामत्र दी चर्चा दर रहे हैं। महामत्र
ससे एप होती है दिगट सकट-निदारण-शक्ति, लक्ष्मी -
जाहुदान शर्त टेपावर्पण तथा वर्म-निर्जय वी शक्ति ।
मद दर शामिय
User Reviews
No Reviews | Add Yours...