आधुनिक एशिया का राजनीतिक चिन्तन | Adhunik Asia Ka Rajnitik Chintan

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Adhunik Asia Ka Rajnitik Chintan by रामचंद्र गुप्त - Ramchandra Gupt

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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राजनीतिक अभिव्यत्ति एवं सीमायन पू पदिचमी एशिया में राजनी तिक चेतना के प्रमुख कारण : विधिष्ट भीगोलिक स्थिति 2 पश्चिमी एधिया की महत्ता तथा उसके निमित्त उगके देशों में उत्तन्त होने- याढी राजनीतिक 'वेतना का सबसे प्रथम कारण हैं इसकी सहरवपूर्ण भीगोलिक स्थिति । रैनिक एवं सामरिक दृष्टि से यह क्षेत्र एक ऐसा मार्ग है जिसके हारा आक्रमणकारी तीन दिशाओं में अथवा तीन महाद्ीपीं दी ओर एक साथ शरग्रमर हो सबता है । दूरगरे शब्दों में यह क्षेत्र होने महाद्वीपो--एशिया, अफ्रीवा और यूरोप वो एक शसला में आदद्ध करता हैं । विदव-विजय की आवक्षा से प्रेरित पिगी भी आक्रमणपारी की योजना को विफ़ण करने थे लिये आवश्यक है कि मध्यपूर्वीय क्षेत्र बी सुरक्षा ब्यवस्थाओ वो सुदृढ़ किया जाय । व्यापारिक एवं सैनिक दृष्टि से गर्वाधिक उपयोगी बिस्व के समस्त समुद्री एवं धायु-मार्ग पश्चिमी एशिया से ही होगर गुजरते हैं । इगके जणमार्ग यूरोप को दक्षिणी और पूर्वी एशिया, भाट्रे छिया और अमेरिवा गे जोड़ने हैं । पश्चिमी यूरोप के औद्योगिक वारसानों में तैयार होनेयाछा माल दक्षिण -पूर्वों एशिया को इगी प्रदेश के जठमार्गों से होकर जाता है । इस प्रदेश पा महत्व यह भी है कि इंगके देश तुर्की से अफगानिस्तान तेक रूग की दक्षिणी गीमा था निर्माण बरते हैं । यदि इस प्रदेश में अमेरिवा दो रौनिय अड्डे प्राप्त हो जाते है, तो बह सुगमता से सोवियत सप वी गुरक्षा व्यवस्था वो सफद में दाउ सपता हैं । यद्दी पारण हैं कि दस क्षेत्र पर प्रभाव स्थापित बरने के छिपे रूग भर अमेरिका में प्रतिस्पर्धा लगी हुई है । श्रगदाद पैकट और पमेण्टो ( पेन्द्रीय सन्धि संगठन ) था निर्माण इस क्षेत्र में अपना प्रभाव बनाये रपने तथा साम्यवाद के प्रसार को अवर्द्ध करने के लिये ही हुआ । इस समय गऊदी अरब के घारहन प्रान्त मे संयुक्त राज्य अमेरिका वा एक बहुत बड़ा हवाई अड्डा हैं तथा मध्य पूर्व के और भी भाई स्थानों पर उराफे गैनिक अड्डे हैं। अतः सोवियत रूस भी इस क्षेत्र मे ( भरव देशों को इजराइल के विरद्व हथियार देकर ) अपना प्रभाव स्थापित करने के लिये प्रयत्न कर रहा हूं। सपुक्त अरब गणराज्य, सीरिया, लेवनान आदि देशो के संघर्ष मे अमेरिका और रूरा दोनों ही, मब्य पूर्व में अपने म्रभाव को स्थापित रखने तथा उसमें वृद्धि करने थी दृष्टि से, अपनी अपनी भूमिवा निभा रहे हैं। रस और अमेरिका के पारस्परिक संघर्ष ने निश्चय ही पश्चिमी पिया के देखों में राजनीतिक चेतना वा प्रादुर्भाव किया हूं तथा इनकी पश्चिमी एणिया के राष््रो को एक दूगरें के विस्द्व भइयानिवाठी नीतियों रो अरव राष्ट्रो मे राष्ट्रीयता को प्रोत्गादन मिला है ।




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