अधखिला फूल | Adhkhila Ful

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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[ २३ 3] 'यक्तां यह पूछा जा सकता है कि फिर न्नजप्राने.. प्रान्त के अन्य प्रान्तों और मध्यह्न्द एवम्‌ राजपुताने ९ सर 'के ठेठ शवूढों ने कौन सा अपराध किया है, जो उन को व. . ह्िन्दोसापा में स्थान न दिया जावे । वास्तव सें उन शवदों ने कोई छापराघ नहीं किया है, किन्तु उन का उक्त गव्‌दों के इतना व्यापक न छोनाछो उन के स्थान न पाने का कारण है । किन्तु यदि दाल में नमक कौ सांति किसो आवश्यकता बश किसो स्थान विशेष पर 'कभी कोई शब्द प्रयुक्त हो जावे तो वच/् इतना गछित भी नहीं 'कद्दा जा सकता 4 व तीसरी आपत्ति को लोजिये--तौसरो श्पत्ति यद्द है '“अरप्रचलित और नवौन शब्दों का प्रयोग गा” यहां यह स्मरण रे कि इस “'श्रापत्ति में अप्रचलित और नवोन शब्द का प्रयोग गद्य 'इन्दो लेखों में प्रचलित वो व्यवह्नत शब्दों के विचार से छुआ है.। 'अतएव यह स्पष्ट है कि आर्पात्तिकर्ता पद्य में उन शब्दां के प्रचलित होने की उपेक्षा कर के यद्द श्रापत्ति उत्यापित करते है--परन्तु उन . कौ यह उपेक्षा युत्तियुक्त नदों है--व्यांकि भाषा के अंग गद्य पद्य दोनों हैं । इस के अतिरिक्त जब ऊपर कथन कौ. गई युत्तायों से व्यापक छोने के वगरण वद् सवेसाधारण के अनेकांश सें परिचित हैं तो लेख में उन को भ्रप्रचलित कोना उन के पद्ले पटल व्यवहार दिये जाने का वाधक नहीं है--दयोंकि उक्त दशा सें वह स्वेसाध- रण के लिये असुविधा के कारण नहीं हो सकते । रद्दा नवोनता. का कगड़ा ! उस के विषय में सुभ को इतना हो वक्तव्य है, दि वर्त्तसान काल के विद्दानों घौर मभाषातत्वविदों कौ ध्रतुमति इस प्रणाली वो उत्तम होने के '्यतुकूल है । उन का :कयन है कि आद- ध्यकतानुसार नवोन शद्‌दां का प्रयोग करने से भापा कौ हद शोर प्रसार में प्रथय सिलता है, और असिनव भावें। के प्रकाश करने में सुविधा छोतो है । प्रमाण में अंगरिज़ी भापा उपस्थित को ज्ञाती है, सौर दिखन्ताया जाता है दि 'यानश्यकतानुसार इस सापा




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