नोआ खाली - यात्रा | Noaa Khali - Yatra

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Noaa Khali - Yatra  by पंडित राम किशोर मालवीय - Pt. Ram Kishor Malviya

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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बी काँग्रेस गौर मुस्लिम लीग भारतीय राजनीति के पाठकों से यह छिपा नहीं कि कांग्रेस ने भारत को अंग्रेजों के चंगुल से मुक्त कराकर फिर स्वाघीन करने के सर्चो परि साधन हिन्दू-मुस्लिम ऐक्य के लिये अपने जन्म-काल से ही पिछले ६१ चर्पो के डान्द्र क्या-क्या प्रयत्न किये । परन्तु कांग्रेस की बागडोर जब सें गान्थोजी के हाथ में श्ायी उस समय से साम्प्रदायिक एकता को कांग्रेस के कार्य-क्रम में स्े- प्रथम उसके लिये स्थान देकर भगीरथ प्रयास किये गये । इसके विपरीत मुस्लिम लीग ने अपने जन्म के समय से. ही अंग्रेजों के द्ाश्र की कठपुत्ली चनकर 'इन दोनों प्रयत्नों में कितनी चाधायें डालीं और आज तक डालती चली झा. रही है, यह भी सर्वोचिदित ही है । फिर भी कांग्रेस श्यौर मुस्लिम लीग के इन कार्यो पर एक विहंमम दृष्टि डाल लेना यहाँ प्रासंगिक न टोगा और उससे इस्लिम लीग की भडढ़ड्रा डालने चाली शोर रेश द्रोह्िता की नोति के चरम रूप को संक्षेप में समभक लेने में सद्दायत्ता मिलेगी । क्रंगंस ने देश की एक मात्र राष्ट्रीय संस्था होने के नाते देश चासियों में स्वाधीनता को आग जिस प्रकार फूकी श्यौर चिदेशी शासन की जड़ पर प्रद्दार किया, उसे देखते हुए भंग्रेजों की रूद काँप उठी छोर उन लोगों ने भारत पर छपना राज्य चनाये रखने के लिये कांग्रेस की शक्ति नष्ट करने तथा. स्वाघीनता के मागे में चाघा डालने के लिये मुसलमानों को कांग्रेस से अलग करने के निसित्त मुस्लिम लीग की स्थापना करायी । १९८६ में अंग्रेजों के 'छानन्य भक्त छागा खाँ की अध्यक्षता में मुस्लिम लीग के




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