बीजक कबीरदास | Beejak Kabiradas

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Beejak Kabiradas by विश्वनाथ सिंह - Vishwanath Singh

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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आदिमज्लल । प्र लगाइदियो और सम्प्रण जगत्‌ बांघिलियों सुख अथे करिके साहबकों शलाय दियो ये सब तात्पय केके साहबकों कहेहें सो साहबकों न जानन पाये ताते तीनों लोकके जीव सलायगये १७ दा लंखचारासाघारमा, तट्टी जाव 1दय बास ॥ चादइयमरखवारा, चारबद बश्बास 3८ हु. .,*+ ह 2 ....... चौरासीलाख जा योनिहें सोइ हैं घारा ताहीसें जीवको बास ... देतभये कहे वही चोरासीलाख योनिरूपी घारामें सब जीव बहे .. जाइहैं झथांत्‌ नानारूप घारण करे सो चारिवेदक विश्वासते कह चारे वेदक सतते नाना मत हातसये “* शातजे स्व जग- ... न्माता शीतले त्व॑ जगत्पिता ” इत्यादिक नाना देवतनकी उपा- सना गुरुवालोग बतावतभये वेद जो तात्पयेकरिके बताविहे सा- .... हुबको सो अर्थ न जानतमये ओ चोदहों यम जीवकी रखवारी र* करत भये यह जीव निकतिके साहबके पास न जान पायो -चौ- . दह यमकें नाममें प्रमाण ज्ञानसागरकों “” दुगदवित्रगुप्बरि- . यारा । इता यमसक है सरदारा ॥ सनसा मझ् अपरबल साहा काललेन मकरन्दी सोहा ॥ चितचख्रल आओ अन्घञयेता । शतक .. श्न्ध जो जीतेखेता ॥ सर सिंह औरो क्रमरेखा । सावीतिजकाल .... छा पेखा ॥ अघनिद्रा औ क्रोधितअन्था। जेहिमा जीव जन्तु सब . बन्धा-॥ परमेश्वर परवल धर्मराज़ा । पाप परण्य सबते सख _. छाजा ॥ यह सबयसें निरज्चन कान्हा । लिखनो कागद रचिके झ+ ५ * दीन्हां ॥ १ ॥” प्रथम दुगद कहें हूं दुगे कहावे कि जो कोई .. पुण्य करेहे ताको स्वग देके पुण्यलोग करावह आर जो पाप करे : है तिनकों नरकनमें पापकों झगताइके (क्लेलारूपी जो हैं शरोर सो जीवेको देय है याते दुगंद यम एक आर दूसरा चित्रगुप्त जे. . कमेनके लेखा कर तासरा मालेन सन व चाथा मोह व पांचों . कालकी सेनाका सकरन्दी कहे बसन्त ते सहित व छठो अन्ध . झचेत जाहै चित्त सो व सातों मृत्यु भई जो खेतको जीतेहे कहें...




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