बनारसी - नाम माला | Banarsi Nam Mala

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Banarsi Nam Mala by जुगलकिशोर मुख़्तार - Jugalkishor Mukhtarपं. बनारसीदास - Pandit Banarsidas

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आचार्य जुगल किशोर जैन 'मुख़्तार' - Acharya Jugal Kishor Jain 'Mukhtar'

जैनोलॉजी में शोध करने के लिए आदर्श रूप से समर्पित एक महान व्यक्ति पं. जुगलकिशोर जैन मुख्तार “युगवीर” का जन्म सरसावा, जिला सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। पंडित जुगल किशोर जैन मुख्तार जी के पिता का नाम श्री नाथूमल जैन “चौधरी” और माता का नाम श्रीमती भुई देवी जैन था। पं जुगल किशोर जैन मुख्तार जी की दादी का नाम रामीबाई जी जैन व दादा का नाम सुंदरलाल जी जैन था ।
इनकी दो पुत्रिया थी । जिनका नाम सन्मति जैन और विद्यावती जैन था।

पंडित जुगलकिशोर जैन “मुख्तार” जी जैन(अग्रवाल) परिवार में पैदा हुए थे। इनका जन्म मंगसीर शुक्ला 11, संवत 1934 (16 दिसम्बर 1877) में हुआ था।
इनको प्रारंभिक शिक्षा उर्दू और फारस

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्रस्ताबना १३ ठीक जधास्थ उचित तथ “*मिथ्या श्रादि झकार ॥४६॥ इस 'नाममाला' कोषमें कोई ३५० विषयोंक नामोंका सुन्दर संकलन पाया जाता है, जिससे दिन्दीभाषा के प्रेमी येष्र लाभ उठा सकते ' हैं । कितने ही तो इस छोटीसी पुस्तककों सदज ही में कणठ भी कर सकते हैं । नामोमें दन्दी ( भाषा ), प्राकृत श्र संस्कृत ऐसे तीन भाषाओओके शब्दाका समावेश है; बाक़ी जानि, बस्वानि, सु, जान, तह इत्यादि शब्द पद्योमें पादपूर्तिके लिये. प्रयुक्त हुए हैं, यह बात कविने स्वयं तीसरे दोहेमें सूचित की है । इस कोषका संशोधनादि कार्य मुख्यतया एक ही प्रतिपरसे हुआ है, जो सेठका कूं या देदलीक जैनमं।दरकी पुस्तकाकार 1५ पत्रात्मक प्रति हैं, श्रावण शु० ससमी संवत्त्‌ ५. सत्यके नामोंकी श्रादि में 'ऑकार जोड़ देनेसे मिथ्याक नाम दो जाते हैं |




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