मध्यकालीन भारत में सुल्तानपुर का इतिहास | Madhya Kalin Bharat Me Sultanpur Ka Etihas

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Book Image : मध्यकालीन भारत में सुल्तानपुर का इतिहास  - Madhya Kalin Bharat Me Sultanpur Ka Etihas

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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प्रथम मुस्लिम आक्रमण, सुलतानपुर का अवध से सम्बन्ध, गुलाम वंश के शासनकाल में सुलतानपुर मुगलकालीन शासकों के शासनकाल में सुलतानपुर की राजनीतिक स्थिति, मुगलकालीन प्रान्तीय शासन व्यवस्था, अकबर के पूर्व राजनीतिक महल या परगने, अकबर के काल में महल एवं परगने नामक बिन्दुओं में नियोजित है। शोध-प्रबन्ध का द्वितीय अध्याय- सुलतानपुर का सामाजिक इतिहास (1206 ई० से 1707 ई० तक) है। जो सल्तनत कालीन समाज- शासक वर्ग, उच्च वर्ग, मध्यम वर्ग एवं निम्न वर्ग, भारतीय मुसलमान, दास, हिन्दू जाति व्यवस्था, ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र एवं अन्य अस्पृश्य जातियाँ, विवाह प्रथा, स्त्रियों की स्थिति, खान-पान, वेषभूषा, आभूषण, आमोद-प्रमोद तथा मुगलकालीन समाज- हिन्दू समाज, मुगलकाल में सामाजिक स्थिति, वेषभूषा, आभूषण, स्त्रियों की स्थिति, सतीप्रथा, बाल विवाह, विधवा की स्थिति, मुगलकाल में हिन्दुओं की स्थिति आदि बिन्दुओं में नियोजित है। शोध-प्रबन्ध का तृतीय अध्याय- सुलतानपुर का आर्थिक इतिहास (1206 ई० से 1707 ई० तक) है। यह अध्याय आर्थिक सर्वेक्षण, वस्त्र उद्योग, ग्रामीण जीवन, कृषि से सम्बन्धित ग्राम्य उद्योग, मूल्य, अकाल, मुद्रा एवं बैंकिंग, कर व्यवस्था, खम्स, जजिया, खिराज, जकात, अकबर के शासन काल में सुलतानपुर से प्राप्त राजस्व, सुलतानपुर का उच्चावचन एवं प्रमुख व्यवसाय, प्राकृतिक वनस्पति, कृषि, सिंचाई के साधन एवं व्यवसाय नामक मुख्य बिन्दुओं में नियोजित है। शोध-प्रबन्ध का चतुर्थ अध्याय- सुलतानपुर की धार्मिक स्थिति (1206 ई० से 1707 ई० तक) है, जो ब्राह्मण धर्म, वैष्णव धर्म, विभिन्‍न धर्मों एवं सम्प्रदायों के उपासना स्थल, त्योहार, नामक बिन्दुओं में नियोजित है। इसी अध्याय में विभिन्‍न हिन्दू एवं मुस्लिम तीज, त्योहारों एवं पर्वों का विहंगम अन्वेषण किया गया है। उपर्युक्त अध्यायों से प्राप्त मूल्य एवं मानक उपसंहार नामक बिन्दु के अन्तर्गत (7)




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