शिव पुराण एक समीक्षात्मक अध्ययन | Shiv Puran Rk Sameekshatmak Addhayayan

Shiv Puran Rk Sameekshatmak Addhayayan by राजेश कुमार - Rajesh Kumar

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पुस्तक का मशीन अनुवादित एक अंश

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कोष हैं । जिस प्रकार आज-कल विश्वकोष इनसाइक्लोपीडिया लिखने का प्रचलन है जिससे विस्तृत विज्ञान संक्षेप में शिक्षित जनता के ज्ञानवर्धन के लिए प्रस्तुत किया जाता है उसी प्रकार अग्नि नारद गरुड आदि पुराणों की रचना ज्ञान-विज्ञान को लोकप्रिय बनाने की दृष्टि से की गयी है । पुराण जनता का ग्रन्थ है विद्वानों का नहीं व्यावहारिक सरल भाषा में रचित ग्रन्थ है शास्त्रीय भाषा में नहीं । उसका उद्देश्य ही है ज्ञान को सुगम बनाना। आज-कल के पापुलर-एजुकेशन की दृष्टि से इस विषय में पौराणिक दृष्टि का अनुगमन करती है। 6




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